जीवन के हर पड़ाव में भोजन की भूमिका
जीवन के हर पड़ाव में भोजन की भूमिका
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भोजन यानि की आहार हमारे जीवन का अभिन्न अंग है. इसके बिना मानव शारीर को चला पान असम्भव है. हमारे जीवन के हर पड़ाव में भोजन क्या क्या भूमिका निभाता है, आइए इस बात पर एक नजर डालते है.

बुढ़ापा में- शारीरिक रूप से सक्रिय तथा स्वस्थ बने रहने के लिए - पोषक तत्वों से भरपूर, कम चिकनाई युक्त भोजन.

गर्भावस्था में- स्वास्थ्य, उत्पादकता बनाये रखने तथा आहार संबंधी रोगों की रोकथाम करने तथा गर्भवती महिलाओं को बल प्रदान करने के लिये शिशु का जनन/पालन करने के लिए अतिरिक्त आहार के साथ-साथ पोषण की दृष्टि से पर्याप्त मात्रा में आहार.

किशोरावस्था में - तीव्रगति से शारीरिक विकास करने, परिपक्व होने तथा अस्थिकों का विकास करने के लिये - शरीर का सुगठन तथा संरक्षण करने वाले आहार.

बाल्यकाल में - शारीरिक वृद्धि, विकास तथा संक्रमण का मुकाबला करने के लिये - शक्ति, शारीरिक गठन तथा संरक्षण प्रदान करने वाले आहार.

शिशु अवस्था में- शारीरिक विकास करने तथा निरंतर प्रगति करने के लिये - माँ का दूध, शक्ति से भरपूर आहार.

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