मंदसौर हिंसा : गिरफ्तार हुए राहुल गांधी, कार्यकर्ताओ और पुलिस के बीच झड़प
मंदसौर हिंसा : गिरफ्तार हुए राहुल गांधी, कार्यकर्ताओ और पुलिस के बीच झड़प
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इंदौर : मंदसौर हिंसा में मारे गए किसानो के परिजनों से मिलने जा रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को नीमच में गिरफ्तार कर लिया गया. इस दौरन राहुल गांधी ने पीएम मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को किसानो की हालत का जिम्मेदार ठहराया है.

गौरतलब है कि मंदसौर में भड़की हिंसा में राजनीतिक तवे पर सियासत की रोटी सेकने के लिए कांग्रेस के कई बड़े नेता मंदसौर के लिए निकले थे. राहुल गांधी भी वोटो की फसल उगाने के लिए आज मंदसौर में किसानो के जख्मो पर मरहम लगाने के लिए निकल थे. वही कांग्रेस सांसद कमलनाथ और मोहन प्रकाश के अलावा जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव भी मंदसौर पहुंचने वाले है. राहुल गांधी विमान से मंदसौर पहुंचने वाले थे लेकिन मध्यप्रदेश प्रशासन द्वारा विमान लैंडिंग की परमिशन नहीं मिलने की वजह से राहुल गांधी उदयपुर एयरपोर्ट से सड़क रास्ते से मंदसौर के लिए निकले थे .

राहुल को रोकने के लिए इलाके को किया छावनी में तब्दील : प्रशासन द्वारा परमिशन नहीं दिए जाने के बाद भी राहुल मंदसौर में मृतक किसानो के परिजनों से मुलाकात करने के लिए सड़क के रास्ते रवाना हो गए है. वही राहुल गांधी को मंदसौर पहुंचने से रोकने के लिए प्रशासन ने राजस्थान-मध्यप्रदेश बॉर्डर के नयापुरा गांव में 1000 हज़ार पुलिस जवानो को तैनात कर दिया है. पुरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है और स्थानीय रेस्ट हॉउस को अस्थाई जेल में परिवर्तित कर दिया है.

प्रदर्शनकारियों ने लूटा टोल नाका : राज्य में गुस्साएं प्रदर्शनकारियों ने मंदसौर, देवास, नीमच, धार और इंदौर सहित कई हिस्सों में लूटपाट, आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव किया. गुरुवार को भी हिंसा जारी है, जहां प्रदर्शनकारियों ने मंदसौर में एक टोल प्लाज़ा में तोड़फोड़ की और वहां रखे 8-10 हज़ार रुपये लूट लिए. हड़ताल से शुरू हुए किसान आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया है. मंदसौर किसान आंदोलन की हिंसा में पुलिस फायरिंग में 6 लोगो की मौत हो गई. अब हिंसा की लपटे पूरे प्रदेश में उठने लगी है जिसकी ज्वाला देवास जिले में भी देखने को मिली. उग्र हुए आंदोलनकारियो ने भोपाल-इंदौर हाईवे और देवास जिले को मिलाकर 13 बसों समेत 150 गाड़ियों में आग लगा दी गई है. वही चार्टेड बसों को भी आग के हवाले कर दिया. महाराष्ट्र से शुरू हुए इस आंदोलन ने मध्य प्रदेश में रौद्र रूप धर लिया है.

कमलनाथ ने मंगा इस्तीफा : कांग्रेस नेता कमलनाथ ने मध्य प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा है कि शिवराज सिंह चौहान को घटना की जिम्मेदारी लेते हुए फौरन इस्तीफा देना चाहिए. वही बुधवार को कृषि कैबिनेट की आपातकालीन बैठक बुलाई गई, जिसमे कुछ अहम निर्णय लिए गए. मंदसौर, पिपलिया मंडी, नारायणगढ़ और मल्हारगढ़ में कर्फ्यू लगाया गया है. वहीं, दलोदा और सुमात्रा में भी धारा 144 लगाने के साथ मंदसौर में सभी मोबाइल सर्विसेस सस्पेंड कर दी गईं है. प्रशासन ने रतलाम, नीमच, मंदसौर और उज्जैन में पूरी तरह से इंटरनेट सेवा बंद कर दी.

भारी पुलिस बल तैनात : वही इलाके के हालात को देखकर भारी पुलिस बल तैनात किया गया. कांग्रेस ने हिंसा के विरोध में कल एमपी को बंद रखा था. किसानो की मौत के बाद मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने हिंसा में मारे गए 6 किसानो के परिजनों को एक-एक करोड़ का मुआवजा देने की घोषणा की है. गंभीर रूप से घायलों को 5 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. साथ ही मृतक किसानों के परिवार में से एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है.

लोगो से शांति बनाए रखने की अपील : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए मंदसौर की घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि घायलों के इलाज की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार उठाएगी. साथ ही साथ सीएम चौहान ने किसानों से धैर्य रखने की अपील करते हुए कहा कि वे किसी के बहकावे में ना आएं. मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि किसान भाइयों की सभी वाजिब मांगें मान ली गई हैं और आदेश भी जारी कर दिए गए हैं.

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