यदि आप चाहते है कि आप सदा सेहतमंद रहे और कोई भी बिमारी आपको छू भी ना पाए तो आपको रोज सुबह जल्दी उठकर 4- 6 किलोमीटर टहलना होगा. संभव हो तो शाम को भी थोड़ा टहल लो. टहलते समय नाक से लम्बी- लम्बी सांसें लो तथा यह भावना करो कि टहलने से आप अपने स्वास्थ्य को संवार रहे हैं.
टहलने के अलावा, दौडऩा, साइकिल चलाना, घुड़सवारी, तैरना या कोई भी खेलकूद, व्यायाम के अच्छे उपाय हैं. स्त्रियां चक्की पीसना,,रस्सीकूदना, पानी भरना, झाड़ू- पोछा लगाना आदि घर के कामों में भी अच्छा व्यायाम कर सकती हैं. रोज थोड़े समय छोटे बच्चों के साथ खेलना, 10- 15 मिनट खुलकर हंसना भी अच्छे व्यायाम के अंग हैं.
प्रात: टहलने के बाद भूख अच्छी लगती है. इस समय पौष्टिक पदार्थों का सेवन करें. अंकुरित अन्न, भीगी मूंगफली, आंवला या इससे बना कोई पदार्थ, संतरा या मौसम्मी का रस अच्छे नाश्ता का अंग होते हैं. भोजन सादा करो एवं उसे प्रसाद रूप में ग्रहण करो, शांत, प्रसन्न और निश्चिन्तता पूर्वक करो और उसे अच्छी तरह चबाचबा कर खाओ. खाते समय न बात करो और न हंसो. एकाग्र चित्त होकर भोजन करना चाहिए.
भूख से कम खाओ. भोजन में रोज अंकुरित अन्न अवश्य शामिल करो. मौसम की ताजा हरी सब्जी और ताजे फल खूब खाओ. जितना हो सके कच्चे खाओ अन्यथा आधी उबली/ उबली तथा कम मिर्च- मसाले, खटाई की सब्जियां खाओ.
प्रात: उठते ही खूब पानी पियो. दोपहर भोजन के थोड़ी देर बाद छाछ और रात को सोने के पहले उष्ण दूध अमृत समान है. धूम्रपान, मादक पेय- पदार्थ सर्वथा छोड़ दो. चाय- कॉफी आदि के स्थान पर सादा ठंडा या गुनगुना पानी, नींबू पानी, छाछ, गाजर, पालक चुकन्दर, लौकी, टमाटर इत्यादि सब्जियों का एव मौसम्मी या संतरा, पपीता इत्यादि फलों के रस का उपयोग लाभकारी होता है.