रक्का : इस्लामिक स्टेट आॅफ इराक की कैद से छूटकर अपने वतन पहुंची महिलाओं और युवतियों ने आज़ाद होने के बाद राहत की सांस ली। वाहन में खुशी से चहकते हुए इन महिलाओं ने बुर्का उतार दिया और कहा गया कि आईएसआईएस के चंगुल से बचना राहत की बात है। कुर्दिश महिलाओं और बच्चों ने अपनी आजादी पर खुशी जाहिर की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले गुलामी का अहसास होता था। उन्हें बुर्का पहनना अच्छा नहीं लगता था। मामले को लेकर कहा गया कि कई ऐसे वाहन थे जिनमें पुरूष- महिलाऐं और बच्चे आईएसआईएस के चंगुल से बचकर भाग रहे थे। जब वे कुर्दिश वायपीजी पहुंचे तो कुर्दिश सीमा में महिलाओं ने बुर्के और स्कार्फ निकाल दिए इसके बाद महिलाओं ने आजाद होने की खुशी मनाई।
अपनी खुशियों को जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें वहां के शरिया कानून का पालन करना होता था और ऐसा कानून उनके लिए बेहद मुश्किल था। इस्लामी परिधान के नीचे महिलाओं ने रंगबिरंगे परिधान पहन कर रखे थे। यही नहीं उन्होंने आजाद होने के बाद विभिन्न महिलाओं को खुशी हुई। महिलाओं ने सभी से अपील की है कि वे आईएसआईएस जैसे संगठन में शामिल होने की गलती न करें।
इस संगठन के अपने अलग कायदे हैं। यहां पर औरतों और सभी के साथ ज़ुल्म किए जाते हैं। उल्लेखनीय है कि आईएसआईएस द्वारा ईराक और अन्य क्षेत्रों में जमकर कोहराम मचाया जा रहा है, आईएस द्वारा कई ऐतिहासिक शहरों को नुकसान पहुंचाया गया है तो दूसरी ओर कई ऐतिहासिक अवशेष ही नष्ट कर दिए गए हैं। ये संगठन अपनी जद में आने वाली हर उस बात को नष्ट कर देता है जो गैर इस्लामी हो। मगर इस तरह से यह अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पा रहा है।