लातूर: महाराष्ट्र के लातूर से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आ रही है यहाँ एक सीनियर सिटिजन ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है. उनके अकाउंट में गलती से 1 लाख रुपये की रकम आ गई थी. तत्पश्चात, वृद्ध ने उन रुपयों को रखने की जगह इसकी खबर डाकघर को दे दी. उनकी ईमानदारी की चर्चा अब पूरे क्षेत्र में हो रही है. लोक निर्माण विभाग में काम करने वाले श्रीकांत जनगन्नाथराव जोशी इस वक़्त सेवानिवृत जिंदगी गुजार रहे हैं. उन्होंने शहर के गांधी चौक स्थित डाकघर में मियादी जमा खाता खुलवा रखा था. उसमें कुछ रकम जमा कराई थी जो कि पांच वर्षों में मैच्योर होनी थी. 5 वर्ष पश्चात् जब वह खाते से रकम निकालने गए तो दंग रह गए. उनके अकाउंट में 1 लाख रुपये से भी अधिक रकम क्रेडिट कर दी गई थी. प्राप्त खबर के अनुसार, जोशी ने जो रकम जमा कराई थी, उसकी मैच्योरिटी पर 1,63,777 रुपये बन रही थी. मगर किसी कर्मचारी की गलती से उनके अकाउंट में 2,64,777 रुपये क्रेडिट कर दिए गए थे. जोशी ने इस बात की खबर तुरंत अपने डाकघर एजेंट को दी और 1.01 लाख रुपये की अतिरिक्त रकम लौटा दी. उनकी इस ईमानदारी की अब पूरे क्षेत्र में जमकर चर्चा हो रही है. बीते वर्ष सितंबर 2022 को गुजरात में भी ऐसी ही मिलती जुलती घटना सामने आई थी. गुजरात के एक शेयर कारोबारी के अकाउंट में इसी प्रकार गलती से हजारों करोड़ रुपये की रकम आ गई थी. एक दिन उसने देखा कि उनके डीमैट अकाउंट में 11,677 करोड़ रुपये क्रेडिट कर दिए गए हैं. इतनी बड़ी रकम देखते ही शेयर कारोबारी को समझ में आ गया कि यह पैसा उसका नहीं है. गलती से ट्रांसफर हुआ है तथा उसे वापस ले लिया जाएगा. मगर इसी बीच उन्होंने दिमाग लगाया तथा उस रकम में से दो करोड़ रुपये शेयर मार्केट में इनवेस्ट कर दिए. कुछ ही घंटे में उसे इस रकम कपर 5.64 लाख रुपये का फायदा हो गया. वही कुछ ही घंटे में शेयर कारोबारी के डीमैट अकाउंट में गलती से क्रेडिट हुए 11,677 करोड़ रुपये निकाल लिए गए. मगर इस रकम से उन्हें जो 5.64 लाख रुपये का मुनाफा हुआ था, वो उसी में बची रह गई. इस प्रकार से उन्होंने दूसरे के पैसे से कुछ ही घंटे में लाखों की रकम कमा ली. इसमें कोई अपराध भी नहीं हुआ. खड़गे ने PM मोदी को लिखा पत्र, नड्डा बोले- 'मुझे यह देखकर हैरानी होती है कि...' परीक्षा में हिजाब की अनुमति, कुर्ता-पजामा पर प्रतिबंध..! कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के दोहरे रवैये पर उठे सवाल नाबालिग, लाश और जानवर के साथ सम्भोग जायज..! दारूल उलूम देवबंद में पढ़ाई जा रही थी ये किताब, NCPCR ने हटवाई