सुकमा : सुकमा में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर हमला किया और इसके बाद देशभर में कड़ी प्रतिक्रियाऐं सामने आ रही हैं। आतंकवाद से जूझ रहे इस देश के सुरक्षातंत्र पर नक्सलवाद को एक बड़ी परेशानी माना जा रहा है और लोग इसका समाधान चाहते हैं। इसी बीच नक्सली हमले को लेकर लोगों के बीच चर्चा है। नक्सली हमले को लेकर प्रमुख बातें सामने आ रही हैं, जिनमें प्रमुखतौर पर यह कहा जा रहा है कि नक्सलियों ने पहाड़ियों से 3 राॅकेट दागे थे जो कि सैनिकों की ओर गिरे थे। यह हमला जवानों पर ऐसे समय हुआ जब दिन के बारह बजे थे और जवान सुकमा के जंगलों में अपना भोजन कर रहे थे। यह वह क्षेत्र है जो पहाड़ियों से घिरा था और यहां से ओडिशा और आंध्रप्रदेश की सीमा कुछ ही दूरी पर है। ऐसे में नक्सलियों को पकड़ने का काम काफी कठिन हो गया। दरअसल यह हमला वहां हुआ जहां पर सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है और यहां से लगभग 5 किलोमीटर दूर CRPF का कैंप है। हालात ये है कि अब तक केवल 16 किलोमीटर लंबी सड़क ही बन सकी है। मिली जानकारी के अनुसार हमले में लगभग 50 ग्रामीण महिलाओं व बच्चों को ढाल बनाकर सुरक्षा बल पर हमला किया गया था। हमले में नक्सलियों ने 3 रॉकेट तक दागे। 300 नक्सलियों ने एक साथ घात लगाकर हमला किया। नक्सलियों के दल ने हमले में आधुनिक हथियारों के अलावा हैंड ग्रेनेड का भी इस्तेमाल किया। माना जा रहा है कि नक्सलियों ने करीब 20 से 30 समूह बनाकर रखे थे। प्रत्येक समूह में 2 से 3 महिला शामिल थीं। हमला करने के बाद नक्सली 25 इंसास राईफल और 1 राॅकेट लाॅन्चर लूटकर ले गए। केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल ने दावा किया कि इस कार्रवाई में लगभग 10 नक्सली मारे गए। मगर सबसे बड़ी बात यह है कि जिस तरह से नक्सली आधुनिक हथियारों, ग्रामीणों और महिला नक्सलियों का उपयोग कर रहे हैं वह सुरक्षा तंत्र के लिए मुश्किलभरा है। बड़ा नक्सली हमला: 26 जवान शहीद, 6 जवान घायल इंटेलिजेंस की नाकामी का नतीजा है सुकमा हमला हमले में घायल जवानों ने नहीं खोया हौसला, करते रहे फायरिंग