दिल्ली: 16 फरवरी को 10वीं और 12वीं की परीक्षा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों से 'परीक्षा पर चर्चा' करते हुए तनाव मुक्त रहते के बारे में लम्बी चर्चा की. पीएम ने छात्र-छात्राओं से कहा, मैं आपका दोस्त हूं. यह प्रधानमंत्री का कार्यक्रम नहीं बल्कि बच्चों का कार्यक्रम है.' इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने पीएम से परीक्षा के दबाव पर सवाल पूछे. पीएम ने विवेकानंद जी का जिक्र करते हुए बच्चों से कहा कि विवेकानंद जी कहा करते थे कि अपने आप को कम नहीं आंको. पीएम मोदी के भाषण के प्रमुख 10 पॉइंट्स जो हमेशा आपको याद आते रहेंगे और जीवन में काम भी आएंगे - - आप लोग टेंशन में हैं क्या? यह भूल जाइए कि आप प्रधानमंत्री से बात कर रहे हैं. यह सोचिए मैं आपको दोस्त हूं. - ईमानदारी से मेहनत के बाद भी अगर आत्मविश्वास नहीं होता है तो सब याद आता है लेकिन शब्द याद नहीं आता. विवेकानंद जी ने कहा 'अहम प्रह्मास्मि।' विवेकानंद जी कहते थे कि 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा करो, वे आशीर्वाद दें लेकिन अगर अपने अंदर आत्मविश्वास नहीं होगा तो 33 करोड़ देवाता भी कुछ नहीं करेंगे. - पीएम ने कहा कि हर व्यक्ति दिन में कोई न कोई ऐसा काम करता है जो बड़े ध्यान से करता है. - अगर आप दोस्त के साथ बात कर रहे हैं और आपका प्रिय गाना चल रहा है. अब आपका ध्यान दोस्त के साथ चला गया. आप खुद पता लगाइए कि वे कौन सी बातें हैं जिनपर आप ध्यान देते हैं और पता करिए कि आप ऐसा क्यों करते हैं? अगर आप वही तरीका पढ़ाई में लगाएंगे तो ध्यान केंद्रित करने का दायरा बढ़ता जाएगा. - पीएम ने कहा, 'छात्र हमेशा मां सरस्वती का पूजन करते हैं, लेकिन परीक्षा से पहले अक्सर कई बच्चे हनुमान जी की पूजा करने लगते हैं. लेकिन ऐसा क्यों करते है आपने सोचा है? मैं तो अपने वक्त में यह सोचना था कि अगर परीक्षा के दौरान नकल की चिट पकड़ी गई, तो शिक्षक यह समझ ले कि वह हनुमान जी का भक्त है.' - स्कूल जाते वक्त यह दिमाग से यह निकाल दें कि आप परीक्षा देने जा रहे हैं. आप यह समझिए कि आप ही आपको अंक देने वाले हैं. इस भाव के साथ आप परीक्षा में बैठिए. - दिल्ली से दीपशिखा और लद्दाख से छात्रा का सवाल, 'परीक्षा के दौरान मां बाप बच्चों पर दबाव बनाते हैं लेकिन संतुष्ट नहीं होते हैं। इससे बच्चों की अंदर की इच्छाएं मर जाती हैं.' - पीएम ने मजाक में बच्चों से कहा, आप चाहते हैं कि मैं आज आपके पैरंट्स की क्लास लूं? - भारत का बच्चा जन्मजात राजनेता होता है क्योंकि वह जॉइंट फैमिली में रहता है. क्योंकि उसको कोई काम करवाने के लिए घर में राजनीति करनी पड़ती है. - मैं अभिभावओं को अपील करता हूं कि आप बच्चों को सोशल स्टेटस न बनाएं। कोई भी बच्चा ऐसा नहीं होता जिसके अंदर कोई न कोई हुनर न होती हो. - परिवार में एक खुला वातावरण होना जरूरी है. बेटा-बेटी जब 18 साल के हो जाएं तो उन्हें मित्र मानना चाहिए. देशभर के अलग-अलग कोनों से लाखों छात्र-छात्राएं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में हिस्सा बने है. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में यह कार्यक्रम हुआ था मोदी के चार साल : उन्नाव और कठुआ गैंग रेप पर मोदी चुप क्यों रहे ? कर्नाटक: आखिर क्यों बीजेपी ने येदियुरप्पा और रेड्डी बन्धुओं का साथ दिया? पीएम मोदी का 5 दिवसीय विदेश दौरा आज से