बैंगलोर: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आज शुक्रवार (16 फ़रवरी) को विधानसभा में राज्य का बजट पेश किया, जिसमें उन्होंने अल्पसंख्यक छात्रों की फीस प्रतिपूर्ति के लिए धन, वक्फ संपत्तियों के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए, और सभी अधिकारियों, दुकानों और कार्यालयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, दूसरों के बीच में 60 प्रतिशत कन्नड़ का उपयोग अनिवार्य कर दिया। इसके अलावा बेंगलुरु के ट्रैफिक की समस्या से निजात पाने के लिए 2700 करोड़ रुपये रखे गए हैं। राज्य सरकार ने वरुणा विधानसभा क्षेत्र में नहरों के विकास के लिए 2,000 करोड़ का ऐलान किया है और 38 झीलों को भरने के लिए 970 करोड़ रुपए अलग रखे हैं। इसके साथ सरकार ने 100 मौलाना आजाद स्‍कूल खोलने का ऐलान किया है. सीएम सिद्धारमैया ने कुल 3.71 लाख करोड़ का बजट पेश किया. इसमें कांग्रेस की 5 गारंटियों के लिए 58000 करोड़ अलग रखे गए. बजट प्रस्तुति के दौरान, विपक्ष ने वॉकआउट किया, जब सिद्धारमैया ने भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र पर हमला कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार से धन का उचित हिस्सा नहीं मिलने के कारण कर्नाटक को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। सिद्धारमैया ने राज्य के राजस्व घाटे के बजट के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आगे दावा किया कि भाजपा शासित कई सरकारें भी अन्याय का सामना कर रही हैं, लेकिन वे केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठा पा रही हैं. अल्पसंख्यकों के लिए बजट में आवंटन:- राज्य में वक्फ संपत्तियों के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित 'मौलवियों' और 'मुत्तवल्लियों' की कार्यशालाएं कर्नाटक वक्फ बोर्ड के साथ पंजीकृत की जाएंगी मंगलुरु में हज भवन के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं ईसाई समुदाय के विकास के लिए 200 करोड़ रुपये रखे गए हैं अल्पसंख्यक विकास निगम के माध्यम से 393 करोड़ रुपये की लागत से कार्यक्रम BSC, नर्सिंग करने वाले अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स के लिए फ्री रिएमबरसमेंट स्कीम बीदर में गुरुद्वारा विकास के लिए 1 करोड़ रुपये जैन धार्मिक स्थल के विकास के लिए 50 करोड़ रुपये कर्नाटक की आधिकारिक भाषा होने के नाते, राज्य के सभी कार्यालयों, दुकानों और विभिन्न वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में भाषा का उपयोग सख्ती से करने के लिए एक अधिनियम लागू किया जाएगा। कर्नाटक बजट में उल्लेख किया गया है कि संरक्षित स्मारकों की सुरक्षा और संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिनका रखरखाव भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा किया जाता है। हालाँकि, गौर करने वाली बात ये है कि, कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी अक्सर ये वादा करते रहते हैं कि, जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी, मगर उनकी ही पार्टी की सरकार के बजट में बहुसंख्यकों के लिए कोई विशेष प्रावधान देखने को नहीं मिला है, हाँ अल्पसंख्यकों का पूरा ध्यान रखा गया है। तो क्या राहुल गांधी जनता से भ्रामक दावा कर रहे हैं, सत्ता में आने के बाद उनकी पार्टी वही अल्पसंख्यकों की तुष्टिकरण वाली राजनीति करेगी, क्योंकि कांग्रेस पर शुरू से देश के बहुसंख्यक वर्ग को नज़रअंदाज़ करने के आरोप लगते रहे हैं। नशे के कारोबार पर असम पुलिस का बड़ा एक्शन, 4 करोड़ की ड्रग्स के साथ तस्कर गिरफ्तार कांग्रेस द्वारा अपने बैंक खाते फ्रीज़ करने के आरोप पर टैक्स ट्रिब्यूनल ने दिया जवाब ! 210 करोड़ की रिकवरी मांग रहा आयकर विभाग IIT दिल्ली के हॉस्टल में छत से लटका मिला छात्र का शव, मौत का कारण जानने में जुटी पुलिस