आज के समय में व्यक्ति कैसा भी हो यदि उसके गुण अच्छे है, तो उसे सभी पूछते है. जिस व्यक्ति के गुण अच्छे होते है, उसे समाज में मान प्रतिष्ठा प्राप्त होती है और उसके गुणों की वजह से ही उसे मूल्यवान समझा जाता है. ऐसी ही एक कथा है, जो व्यक्ति के गुणों की पहचान कराती है, आइये जानते है इस कथा के बारे में. एक समय की बात है, एक गांव में एक सभा का आयोजन किया जा रहा था. सभा को संबोधित करने के लिय एक प्रसिद्ध विद्वान को आमंत्रित किया गया था. वह विद्वान आस-पास के क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय व प्रसिद्ध था. जिसके कारण उसे सुनने के लिए लोगों की बहुत अधिक भीड़ इकठ्ठा हो गई थी. जब विद्वान वहां उपस्थित मंच पर भीड़ को संबोधित करने के लिए गए, तो उनके हाथों में एक 100 रूपए का नोट था. उन्होंने उस 100 रूपए के नोट को ऊपर उठाते हुए कहा, की इस नोट को कौन पाना चाहता है? इतना सुनते ही वहां उपस्थित सभी लोगों ने अपने हांथ ऊपर उठा दिए. तब उस विद्वान ने उस नोट को नीचे गिराया और अपने पैरों से उसे रगड़ दिया, जिससे कि वह नोट बहुत गंदा हो गया. अब उन्होंने पुनः उस नोट को हांथो में उठाकर सभी से पूछा कि अब यह नोट किसे चाहिए? इस बार भी सभी ने उस नोट को लेने के लिए अपने हाथो को ऊपर किया. सभी के इस वर्ताव को देखकर उस विद्वान ने कहा कि इस नोट को नीचे रगड़ने के पीछे का कारण यह है कि मुझे आपको एक बात समझाना था, वह यह कि आप सभी जानते है कि इस नोट को नीचे रगड़ने के बाद भी इसका मूल्य कम नहीं हुआ है. अभी भी इसकी कीमत 100 रूपए की ही है, जिसके कारण आप सभी इसे लेना चाहते है. इसी प्रकार व्यक्ति भी अपने जीवन में बहुत रगड़ खाता है और गंदा भी हो जाता है किन्तु उसका गुण ही उसकी कीमत होती है जो कभी कम नहीं होती. जानें बलराम प्रभु के अवतार श्री नित्यानंद जी की शक्ति के बारे में... माता सरस्वती के कारण ही महर्षि वाल्मीकि कर पाए रामायण की रचना मथुरा का यह मंदिर जो शादी में आ रही बाधा को करता है ख़त्म माता के चरणों से उत्पन्न हुआ है ये शक्तिपीठ