भूख-प्यास की तलब से चली गई 100 मजदूरों की जान...दिल दहला देगा साउथ अफ्रीका का ये मंजर

साउथ अफ्रीका में सोने की खदान में अवैध रूप से खनन करने वाले तकरीबन 100 मजदूरों की जान चली गई. इन मृत्यु की वजह वैसे तो भूख और प्यास बताई जा रही है, ऐसा कहा जा रहा है कि ये मजदूर महीनों से वहां फंसे हुए थे. इस बात की सूचना खनिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले ग्रुप, माइनिंग अफेक्टेड कम्युनिटीज यूनाइटेड इन एक्शन ग्रुप (MACUA) के द्वारा ही दी गई है. ग्रुप के प्रवक्ता सबेलो मंगुनी ने मीडिया को इस बारें में जानकारी दी है कि 500 से ज्यादा  खनिक अभी भी खदान में अब भी फंसे हुए. मंगुनी ने कहा कि खदान में मौतों का खुलासा उस समय हुआ जब खनिकों की तरफ से भेजा गया एक वीडियो वायरल हुआ, इसमें सैकड़ों की तादाद में लोग भूख-प्यास से तड़प रहे थे, जिनमे से कई लोगों की जान चली गई थी.

100 मजदूरों की गई जान:  खबरों का कहना है कि उत्तर पश्चिमी प्रांत की इस खदान में कम से कम 100 मजदूरों की जान चली गई है. इन खनिकों की मौत की वजह भूख और पानी की कमी को बताया जा रहा है. बीते शुक्रवार यानि (10 जनवरी) से अब तक 18 शवों को खदान से बाहर लाया जा चुका है, और बचाव कार्य अब भी चल रहा है. शुक्रवार को समुदाय द्वारा चलाए गए बचाव अभियान में 9 शव बरामद कर लिए गए है, जबकि सोमवार (13 जनवरी) को अधिकारियों के अभियान में 9 और शव को बाहर निकाला, साथ ही 26 जीवित लोगों की जान बचा ली है.

 

पुलिस का इस बारें में कहना है कि कार्रवाई अब भी की जा रही है, पुलिस प्रवक्ता ब्रिगेडियर सेबाटा मोकगवाबोन ने इस बारें में जानकारी देते हुए कहा है कि पुलिस अभी भी पुष्टि कर रही है कि कितने शव जब्त किए गए है. बीते सोमवार से एक नया बचाव अभियान भी शुरू कर दिया गया था, और अनुमान लगाया जा रहा है कि सभी खनिकों को सुरक्षित बाहर निकाला जाने वाला है.

अवैध खनन का प्रचलन और बढ़ता खतरा: खबरों  का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका के कई  भागों में अवैध खनन बहुत ही ज्यादा आम बात है, जहां कंपनियों द्वारा बंद की गई खदानों में अनौपचारिक खनिक अवैध रूप से एंट्री कर शेष भंडार खोजने का प्रयास कर रहे है. स्टिलफोंटेन के पास स्थित बफ़ेल्सफोंटेन गोल्ड माइन में पुलिस और खनिकों के मध्य नवंबर से ही संघर्ष अब भी चल रहा है, जब अधिकारियों ने खनिकों को बाहर निकालने और खदान को सील करने की कोशिश की जा रही है.

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