बंगलों में 1000 करोड़ का टैब घोटाला, फिर निशाने पर आई ममता सरकार

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में टैब स्कैम को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है। आरोप है कि राज्य सरकार के "तरुण के सपने" योजना के तहत छात्रों को दिए गए टैब खरीदने के लिए पैसे में भ्रष्टाचार हुआ है। इस योजना में कक्षा 11 और 12 के छात्रों को उनके बैंक खातों में 10,000 रुपये दिए जाते हैं ताकि वे टैब खरीद सकें। इस भ्रष्टाचार के कारण करीब 15 जिलों में 16 लाख से ज्यादा छात्र प्रभावित हुए हैं। 

सख्त जांच के तहत कोलकाता पुलिस ने एक एसआईटी बनाई है, और गिरफ्तारी की प्रक्रिया जारी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले में बयान देते हुए कहा कि इस गिरोह को पकड़ा गया है और गिरफ्तारी हो चुकी है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जिन छात्रों को पैसे नहीं मिले, उन्हें जल्द ही भुगतान कर दिया जाएगा। स्कूलों और छात्रों के खाते में पैसे के गायब होने की घटनाएं सामने आई हैं। मुर्शिदाबाद के कुछ स्कूलों में टैब की राशि बिहार के एक फर्जी खाते में चली गई। झारग्राम जिले के कई स्कूलों के खातों से भी पैसे गायब हो गए हैं। पश्चिम मिदनापुर जिले में भी 27 स्कूलों के छात्रों के खातों से पैसे चोरी हो गए हैं। 

इस घोटाले में कथित रूप से शामिल एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जो साइबर कैफे का मालिक था। पुलिस ने उसे वैष्णव नगर से पकड़ा और उसे टैब घोटाले में संलिप्त पाया। टीएमसी नेता सोवनदेव चट्टोपाध्याय ने भी इस घोटाले को स्वीकार किया और कहा कि इसमें अनियमितता हुई है। उन्होंने भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। वहीं, भाजपा सांसद श्रमिक भट्टाचार्य ने राज्य सरकार पर घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के लोग इस सरकार से तंग आ चुके हैं।

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