अहमदाबाद: गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने मंगलवार (12 सितंबर) को उन 108 हिंदुओं को भारत की नागरिकता प्रदान की, जो पड़ोसी देशों-अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होने के बाद पलायन कर भारत आ गए थे। अहमदाबाद जिला प्रशासन द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में, सांघवी ने उन 108 हिंदुओं को "भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र" प्रदान किया, जो भारत चले आए और वर्तमान में अहमदाबाद में रह रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान, मंत्री ने भारतीय नागरिकता प्राप्त करने वाले सभी लोगों को बधाई दी और कहा कि, 'आप सभी कैसे हैं? मुस्कुराइए, क्योंकि अब आप भारतीय नागरिक हैं।' मंत्री ने कहा कि नए भारत के सपने को साकार करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, 'मैं उम्मीद करता हूं कि आप सभी देश की विकास यात्रा में भाग लेने के लिए दृढ़ संकल्पित होंगे।' उन्होंने सभी को यह भी आश्वासन दिया कि वे गुजरात में सुरक्षित महसूस करेंगे और सरकारी लाभों और योजनाओं तक पहुंचने की क्षमता सहित एक नागरिक के सभी अधिकारों का आनंद लेंगे। मंत्री सांघवी ने यह भी उल्लेख किया कि अहमदाबाद के उन 108 घरों में दिवाली जैसा उत्सव का माहौल रहेगा, जिन्हें आज भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है। उन्होंने भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की खुशी की तुलना उस अनुभव से की जब किसी परिवार में किसी बच्चे का जन्म होता है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज, वसुधैव कुटुंबकम, जिसका अर्थ है "दुनिया एक परिवार है" की भावना वास्तव में जीवंत हो गई है। उन्होंने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों और उनके आश्रितों को भारतीय नागरिकता देने के लिए बार-बार प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि यह उन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि आज 108 हिंदुओं को नागरिकता मिल सकी है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें विस्थापित नागरिकों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रही हैं और सरकार उनके दैनिक जीवन के मुद्दों को हल करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम के दौरान गृह राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि अहमदाबाद में अब तक 1149 से अधिक हिंदू प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है। इसके बाद उन्होंने इसे मूर्त रूप देने के लिए अहमदाबाद के कलेक्टर और पूरी प्रशासनिक टीम को बधाई दी। भारत की नागरिकता प्राप्त करने वालों में अधिकतर दलित और पिछड़ा वर्ग से आते हैं, जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में अपनी हिन्दू पहचान के कारण धार्मिक रूप से प्रताड़ित किए गए थे। बता दें कि 2016 और 2018 में प्रकाशित पहले के राजपत्रों ने गुजरात में अहमदाबाद, गांधीनगर और कच्छ-टीआरएस जिलों के कलेक्टरों को अफगानिस्तान से अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, पारसी, बौद्ध, जैन और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देने का अधिकार दिया था। सपा नाता आज़म खान के ठिकानों पर आयकर विभाग के छापे, एक साथ 30 परिसरों में चल रही तलाशी 8 महीने, 1 शहर और 25 ख़ुदकुशी ! कोटा में एक और 'छात्र' ने तोड़ा दम, गहलोत सरकार ने लगवाए थे स्प्रिंग वाले पंखे जिसका नाम हाथ पर गुदवाया उसी को प्रेमिका ने उतारा मौत के घाट, चौंकाने वाला है मामला