11 अप्रैल को है संकष्टी चतुर्थी, जानिए पूजा विधि

आप सभी को बता दें कि आने वाली 11 अप्रैल 2020, यानी कल शनिवार को संकष्टी चतुर्थी मनाई जा रही है. ऐसे में बहुत कम लोग जानते हैं कि यह एक बेहद खास तिथि है और इस दिन श्री गणेश की उपासना करने का विधान माना जाता है. वहीं हम सभी जानते हैं कि इस समय हर कोई कोरोना वायरस की महामारी से परेशान है, ऐसे में अगर आप भी जीवन में कष्‍टों का अनुभव कर रहे हैं, तो आप इस व्रत को रख सकते हैं. संकष्टी चतुर्थी के दिन सूर्योदय से चंद्रोदय होने तक उपवास रखने का नियम है और कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. जी दरअसल इस दिन भगवान गणेश की आराधना सुख-सौभाग्य की दृष्टि से श्रेष्ठ है और इसी के साथ इस दिन श्री गणेश का व्रत और पूजन करके आप जीवन की हर तरह की समस्याओं से निजात पा सकते हैं. हम आपको बताते हैं कैसे कर सकते हैं पूजन.

आइए जानें कैसे करें पूजन-

* इसके लिए सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. अब इसके बाद व्रतधारी लाल रंग के वस्त्र धारण करें. वस्त्र पहनने के बाद श्री गणेश की पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर रखें. अब इसके बाद स्वच्छ आसन पर बैठकर भगवान गणेश का पूजन करें. अब फल, फूल, रौली, मौली, अक्षत, पंचामृत आदि से श्री गणेश को स्नान कराके विधिवत तरीके से पूजा करें. इसके बाद गणेश पूजन के दौरान धूप-दीप आदि से श्री गणेश की आराधना करें.

इसके बाद श्री गणेश को फल, तिल से बनी वस्तुओं, लड्‍डू तथा मोदक का भोग लगाएं औा प्रार्थना करें कि 'ॐ सिद्ध बुद्धि सहित महागणपति आपको नमस्कार है. नैवेद्य के रूप में मोदक व ऋतु फल आदि अर्पित है.' ध्यान रहे सायंकाल में व्रतधारी संकष्टी गणेश चतुर्थी की कथा पढ़े अथवा सुनें और सुनाएं क्योंकि इससे पूजा सफल होगी. कहते हैं चतुर्थी के दिन व्रत-उपवास रख कर चंद्र दर्शन करके गणेश पूजन करना शुभ माना जाता है. अब अंत में श्री गणेश की आरती करें. वहीं विधिवत तरीके से गणेश पूजा करने के बाद गणेश मंत्र 'ॐ गणेशाय नम:' अथवा 'ॐ गं गणपतये नम: का 108 बार अथवा एक माला करें. ऐसा करने से आपको लाभ होगा. इसी के साथ अगर आपसे हो सके तो इस दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को दान करें.

संकष्टी चतुर्थी तिथि और शुभ मुहूर्त- संकष्टी चतुर्थी तिथि का प्रारंभ शुक्रवार, 10 अप्रैल को रात 9. 31 मिनट से होकर शनिवार, 11 अप्रैल 2020 तिथि सायंकाल 07 बजकर 01 मिनट तक रहेगी. इसी के साथ चंद्रोदय का समय रात्रि 10 बजे का होगा.

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