नई दिल्ली: इंडिया के साथ कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्रों को परस्पर मान्यता देने पर अब तक 110 देश सहमति व्यक्त कर चुके है। जहां इस बात का पता चला है कि केंद्र सरकार बाकी देशों के संपर्क में है ताकि विश्व के सबसे बड़े कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लाभार्थियों को मान्यता दी जाने वाली है, जिससे शिक्षा, व्यवसाय और पर्यटन उद्देश्यों के लिए यात्रा आसान होते जा रहे है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि फिलहाल 110 देश टीकाकरण प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता पर सहमत हो चुके है। स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक कुछ ऐसे देश हैं जिनका इंडिया के साथ राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त या WHO द्वारा मान्यता प्राप्त टीकों से कराए गए टीकाकरण के प्रमाणपत्रों को पारस्परिक मान्यता देने को लेकर समझौता किया जा चुका है। इसी तरह, ऐसे देश भी हैं जिनका फिलहाल इंडिया के साथ ऐसा कोई समझौता नहीं है, लेकिन वे उन भारतीय नागरिकों को छूट देते हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त या WHO द्वारा मान्यता प्राप्त टीकों से वैक्सीनेशन करवा चुके है। एस्ट्रेजेनेका की कोविड रोधी वैक्सीन को भारत में कोविशील्ड के ब्रांड नाम से उत्पादित और वितरित कर रही है। इंडिया में 16 जनवरी से जारी वैक्सीनेशन कैंपेन में कोविशील्ड का व्यापक इस्तेमाल कर रहे है। इस महीने WHO ने भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन को 'इमरजेंसी यूज लिस्टिंग' में स्थान दे चुकी है। अब तक विश्व के सभी देशों में 7,562,517,308 लोगों ने कोविड रोधी वैक्सीन ले ली है। जहां इस बात का पता चला है कि 2019 में चीन से निकले कोविड-19 के संक्रमण ने अब तक विश्वभर के 254,918,475 लोगों को संक्रमित कर चुका है। जिसकी वजह से 5,122,823 संक्रमितों की जान भी जा चुकी है। हमने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया: PM मोदी दिल्ली-NCR में सांस लेना और भी ज्यादा हुआ मुश्किल, यूपी-हरियाणा में भी ठीक नहीं हालात नासा ने शेयर की दिल्ली में प्रदूषण की तस्वीर, 'फायर एक्टिविटी' को बताया छाए धुंंध का कारण