कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भड़की हिंसा मामले में अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) वर्ग के 114 प्रोफेसरों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है। इस पत्र में तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर कार्रवाई की अपील की गई है। पत्रकार रोहन दुआ ने यह पत्र ट्विटर पर साझा किया है। इस पत्र के अनुसार, विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में भड़की हिंसा ने 11 हजार लोगों को बेघर कर दिया है। इनमें ज्यादातर अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग से हैं। BIG BRK: 114 SC & ST professors sign a petition seeking action from Centre in West Bengal against Trinanool Cong on May2 deadly violence Petition sent to President of India Petition claims: 1.More than 11,000 from SC/ST comm have been rendered homeless 2.5000 houses demolished pic.twitter.com/1uc83uM235 — Rohan Dua (@rohanduaT02) June 3, 2021 पत्र के अनुसार, इस हिंसा में 40,000 लोग इस प्रभावित हुए और 1627 बर्बर हमले दर्ज किए गए। पत्र में लिखा है कि हिंसा के दौरान 5000 से ज्यादा घर जला दिए गए। वहीं 26 लोग मारे भी गए। इसके बाद 2000 से अधिक लोगों को जो असम, झारखंड और ओडिशा में पनाह लेनी पड़ी। पत्र के अनुसार, TMC के कार्यकर्ताओं ने राज्य पुलिस के साथ मिलकर उस दौरान अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों पर न सिर्फ जमकर जुल्म किया बल्कि वहाँ हिंसा भड़काई, लोगों को मारा, औरतों के साथ दुष्कर्म किया और जमीन पर कब्जा कर लिया। इसलिए वह चाहते हैं कि SC/ST समुदाय को बचाने के लिए मामले में दखल दिया जाए। साथ ही पत्र में कहा गया है कि SC/ST समुदाय के जो लोग इससे प्रभावित हुए हैं, उनके घर दोबारा से बनवाकर उनके पुनर्वास पर काम किया जाए। साथ ही पीड़ितों को तत्काल प्रभाव से मेडिकल व अन्य सुविधाएँ और सुरक्षा दिया जाए। बता दें कि सेंटर फॉर सोशल डेवलपमेंट (CSD) के बैनर के तहत यह पत्र लिखा गया है। इस पर दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के अफ्रीकन स्टडीज विभाग के पूर्व हेड प्रोफेसर सुरेश कुमार और डीयू में ही लाइब्रेरी साइंस से जुड़े प्रोफेसर केपी सिंह के पहले पन्ने पर दस्तखत हैं। बिलबोर्ड के हॉट 100 के नंबर 1 पर बीटीएस सॉन्ग 'बटर' ने किया डेब्यू बढ़त पर बंद हुआ शेयर बाजार, 52,200 के पार हुआ सेंसेक्स रिलायंस का बड़ा ऐलान - कोरोना से मौत पर कर्मचारी के परिवार को 5 साल तक मिलेगी पूरी सैलरी