नई दिल्ली : विभिन्न मुद्दों पर विभिन्न दलों के हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्रवाई आज भी बाधित होने की आशंका है.आपको बता दें कि विपक्ष की इस हठधर्मिता के कारण सदन का कीमती वक्त न केवल जाया हो रहा है,बल्कि इसी हंगामे के कारण वाईएसआर कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ पेश किए गए अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि विपक्ष द्वारा कई मुद्दों पर सरकार को चौतरफा घेरने की कोशिश में लोक सभा और राज्य सभा में मंगलवार को भी 12वें दिन काम नहीं हो पाया. आज बुधवार को भी हंगामे के आसार बन रहे हैं. राज्य सभा में गत 5 मार्च से लगातार जारी गतिरोध से नाराज होकर सांसदों को दिया जाने वाला रात्रि भोज रद्द कर दिया. यही नहीं भाजपा की दिल्ली प्रदेश इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने तो सदन के हालातों से दुखी होकर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को एक पत्र लिखकर सांसदों के किसी रचनात्मक कार्य में शामिल नहीं होने पर उनका वेतन काटने का प्रस्ताव तक रख दिया. गौरतलब है कि लोक सभा और राज्य सभा के विपक्ष के जो सांसद देश के मतदाताओं द्वारा क्रमशः प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं, उनकी भी यह नैतिक जिम्मेदारी है, कि वे अपने मतदाताओं की कसौटी पर खरे उतरे.सदन में अपनी जिम्मेदारी का गंभीरता से अहसास कराएं.अपनी जिम्मेदारियों से न भागते हुए स्वस्थ तरीके से विरोध प्रकट करें और अपनी बात रखें. जीते हुए जन प्रतिनिधियों को यह नहीं भूलना चाहिए कि सदन की एक मिनट की कार्रवाई पर लाखों खर्च होते हैं. यदि किसी दिन वे सदन की कार्रवाई में बाधक बनते हैं तो उस दिन का वेतन न लेने की घोषणा कर नई मिसाल कायम करें. शुरुआत तो किसी को भी करनी होगी.तभी सदन में हंगामे के इन हालातों से मुक्ति मिलेगी. यह भी देखें अब एक और नए अवतार में संसद पहुंचे शिवप्रसाद नई दूर संचार नीति अगले सत्र में पेश होने की आशा