कोलंबो। श्रीलंका में तेज़ बारिश से बाढ़ और भूस्खलन के हालात बन गए हैं। हालात ये हो गए हैं कि भूस्खलन में अब तक करीब 122 लोग मारे गए हैं जबकि 97 की जानकारी नहीं मिल पाई है। ऐसे में भारत ने राहत सामग्री व बचावकर्मी भेजे हैं। गौरतलब है कि केलानी नदी के किनारे कोल्लोनावा, कादुवेला, वेल्लामपीटिया, केलानियार, बियागाम, सेदावत्ते, डोम्पे, हनवेला, पादुक्का व अविस्सावेला में निवास करने वालों को सुरक्षित स्थान पर भेजे जाने की चेतावनी दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री राजीथा सेनारत्ने ने कहा कि बाढ़ व भूस्खलन के चलते लगभग 5 लाख लोग बेघर हो गए। राहत कार्य में श्रीलंकाई सेना के हेलिकाॅप्टर और नौसेना की नौकाओं आदि की सहायता ली जा रही है। नेलुवा क्षेत्र में लोगों को सुरक्षित क्षेत्र तक पहुंचाया जा रहा है। भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सहायता करने की बात कही है। भारतीय नौसेना के दो और जहाज आईएनएस शार्दुल और आईएनएस जलाश्व भी खाद्य पदार्थ दवाइयों और पेयजल समेत राहत सामग्री के साथ श्रीलंका के लिए रवाना हो गए हैं। भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने कहा कि श्रीलंका के बाढ़ ग्रस्त इलाकों से लोगों को निकालने के लिए आईएनएस जलाश्व से मेडिकल और गोताखोरों का दलए नौकाएं और हेलीकॉप्टर भी रवाना किए गये हैं। नयी दिल्ली में नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि नौसेना के जहाज राहत सामग्री लेकर श्रीलंका रवाना हो गये हैं और कल तक कोलंबो पहुंच जाएंगे श्रीलंका में 2003 के बाद यह सबसे भीषण बाढ़ हैण् 2003 के बाढ में 250 से ज्यादा लोग मारे गये थेए जबकि 10ए000 से ज्यादा मकान नष्ट हो गये थेण्दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय खोज व बचाव सलाहकार समूह व पड़ोसी देश से अपील की गई है कि वे प्रभावितों को सहायता उपलब्ध करवाऐं। श्रीलंका ने भी विदेशों से अपील की है और मदद मांगी है। मिली जानकारी के अनुसार श्रीलंका के विदेश मंत्री रवि करणानायके विभिन्न देशों के साथ संपर्क साधने में लगे हैं। वन बेल्ड एंड रोड फोरम पर भारत की भागीदारी के बिना नहीं मिल सकती सफलता भारत करेगा वन बेल्ट वन रोड़ सम्मेलन का बहिष्कार महिला सैनिक का पैराशूट बिजली के तारो में जा उलझा