पटना : बिहार के करोडो रुपए के बहुचर्चित सृजन घोटाले की जांच में रोज नित नए खुलासे हो रहे हैं. इस घोटाले में कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारी, नेता और उनकी पत्नियों का गठजोड़ सामने आया. इस घोटाले की जाँच कर रही आर्थिक अपराध ईकाई ने भागलपुर में सृजन एनजीओ के स्थापना से लेकर अब तक 13 जिलाधिकारी पदस्थ रहे उन सभी से पूछताछ की जा रही है. इस मामले की जानकारी देते हुए अधिकारियों के अनुसार जांच कर रही टीम को वर्तमान जिलाधिकारी टीके घोष से लेकर तत्कालीन जिला अधिकारी तितरमारे तक सभी पर शक की सुई घुम रही है. साथ ही नजारत, भू-अर्जन, कल्याण, डूडा, डीआरडीए और जिला परिषद के अधिकारियों से भी पुछताछ की जाएगी कि पिछले कई वर्षों से चल रहे इस खेल को आखिर कैसे जिलाधिकारियों ने नहीं जाना. संबंधित दस्तावेजों का बारीकी से अध्ययन कर 57 करोड़ के घोटाले की जांच की जा रही है. खास बात यह है कि 2000 के तत्कालीन डीडीसी के द्वारा जिले के सभी बीडीओ को पत्र लिख सरकारी खजाने के पैसे को सृजन में जमा कराने का आदेश दिया था वह भी आदेश मिल गया है. उल्लेखनीय है कि बिहार के भागलपुर में हुए हजार करोड़ के सरकारी खजाने का घोटाले के आरोप में कई अधिकारियों के साथ साथ नेताओं की पत्नियों की भी मिली भगत पाई गई हैं. इसमें भाजपा,रालोसपा के नेता, उनकी पत्नियां ,सहकारिता विभाग अधिकारी , भू अर्जन अधिकारी, बिहार सहयोग समितियों के निबंधक, भागलपुर के जिलाधिकारी सहित कई के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है. जो फ़िलहाल फरार हैं. यह भी देखें सृजन घोटाले के आरोपी महेश मंडल की मौत, खुल सकते थे कई राज सृजन घोटाले की सीबीआई जाँच के लिए याचिका दाखिल