मुंबईः देश में चल रही आर्थिक मंदी की सबसे तगड़ी मार वाहन उद्योग ने झेली है। जुलाई माह में गाड़ियों की बिक्री में सदी की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इसका नकारात्मक छंटनी के रूप में हुआ है। अबतक 13 लाख लोग अपना रोजगार गंवा चुके है। वाहन बनाने वाली कंपनियों के संगठन सियाम के मुताबिक,जुलाई 2018 की तुलना में इस साल जुलाई में वाहनों की कुल बिक्री 18.71 प्रतिशत घट गयी। जुलाई 2019 में घरेलू बाजार में कुल 18,25,148 वाहन बिके जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 22,45,223 था। यह दिसंबर 2000 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। यह लगातार आठवां महीना है, जब सभी सेंगमेंट के वाहनों की कुल बिक्री में कमी देखी गयी है। कारों समेत पूरे यात्री वाहन क्षेत्र में भी सदी की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी। यात्री कारों की बिक्री जुलाई 2018 के 1,91,979 इकाई से घटकर 1,22,956 इकाई रह गयी। इस प्रकार इसमें 35.95 प्रतिशत की गिरावट रही। इससे पहले दिसंबर 2000 में कारों की बिक्री 35.22 प्रतिशत घटी थी। उपयोगी वाहनों की बिक्री में 15.22 प्रतिशत और वैनों की बिक्री में 45.68 प्रतिशत की गिरावट रही। बिक्री के आंकड़े जारी करते हुए सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने विभिन्न ह्मोतों से प्राप्त आंकड़े का हवाला देते हुये कहा कि वाहन उद्योग में एक साल से जारी मंदी के कारण तकरीबन 13 लाख लोगों की नौकरियां गयी हैं। उन्होंने कहा कि सबसे बुरा प्रभाव वाहनों के कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियों पर पड़ा है। रिपोर्टों के अुनसार इस क्षेत्र में करीब 11 लाख लोगों की नौकरी गयी है। ट्रांसपोर्ट संगठनों ने भी ट्रकों के खरीद पर रोक लगा दी है। सेंसेक्स में 600 अंकों की भारी गिरावट, कई बड़े शेयर गिरे अगर बैंक में है जरूरी काम, तो पहले पढ़ लें ये खबर, कि कहीं बैंक की छुट्टी तो नहीं.... एतिहाद ने जेट एयरवेज में निवेश बढ़ाने से किया इनकार