सरकारी भवन में मिले शराब के 135 कार्टून, मुखिया समेत 7 गिरफ्तार

पटना: बिहार सरकार राज्य में शराबबंदी को लेकर निरंतर दावे करती रही है, किन्तु इन दावों का प्रभाव अभी तक सफल नहीं दिखा है। राज्य में शराब पीने से हुई मौतों एवं अवैध शराब की सप्लाई के कई मामले सामने आए हैं। हाल ही में, मुजफ्फरपुर के पारु क्षेत्र में स्थित एक सरकारी दफ्तर से शराब के कार्टन बरामद होने के पश्चात् कई सवाल खड़े हो गए हैं। इस मामले में 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

मद्य निषेध एवं उत्पाद शुल्क विभाग की टीम ने मुजफ्फरपुर के पारु क्षेत्र के फंदा गांव स्थित एक सरकारी भवन में छापेमारी की। छापेमारी के चलते टीम को 135 कार्टन शराब की बोतलें मिलीं, जो बोरियों में भरकर एक कोने में रखी गई थीं। टीम ने सभी कार्टनों को जब्त कर लिया। बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून लागू है, किन्तु इसके बाद भी शराब का सेवन और बिक्री अवैध रूप से जारी है। कानून के लागू होने के बाद भी प्रदेश में अवैध शराब का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है।

मद्य निषेध एवं उत्पाद शुल्क विभाग के निरीक्षक शिवेंद्र अफसर ने जानकारी दी कि उन्हें खबर प्राप्त हुई थी कि फंदा गांव के एक सरकारी भवन में शराब छिपाकर रखी गई है। छापेमारी के चलते टीम को 135 कार्टन शराब की बोतलें बरामद हुईं। उन्होंने बताया कि जिस भवन में शराब मिली, वह पंचायत विभाग से संबंधित कामों के लिए बनाया गया था तथा वहां का कार्यभार एक महिला मुखिया द्वारा संभाला जाता है। इस मामले में महिला मुखिया के पति और गांव के 6 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और राज्य निषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

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