गुवाहाटी: असम में भारी बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. असम के 29 जिलों का 7.12 लाख लोग बाढ़ का कहर झेल रहे हैं. असम के कई इलाके बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. इसके कारण आम जन-जवीन अस्त-व्यस्त हो गया है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक, असम के नगांव में 3.36 लाख से ज्यादा, कछार में 1.66 लाख, होजई में 1.11 लाख और दरांग में 52,709 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. वहीं, 20 मई को कछार, लखीमपुर और नगांव जिले में बाढ़ के पानी में डूबने से 2 बच्चों सहित चार लोगों की जान चली गई. रिपोर्ट के अनुसार, असम बाढ़ में 9 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि भूस्खलन की घटनाओं में अब तक 5 लोगों की मौत हुई है. असम में आई बाढ़ से किसानों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. कुल 80,036.90 हेक्टेयर जमीन पर खड़ी फसल नष्ट हो गई है. वहीं, असम के 2,251 गांव अभी भी जलमग्न हैं. असम के जमुनामुख जिले में 2 गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं. यहां केवल रेल पटरियां ही बाढ़ के कहर से बची हुई हैं. चंगजुराई और पटिया पाथर गांव 6 दिन पहले बाढ़ के पानी में समा गए. जान बचाने के लिए इन दोनों गांव के लोगों ने रेल की पटरियों पर पनाह ली, जो ऊंची जगह पर बनाई गई हैं. यहीं पर बारिश के बीच में यह लोग तिरपाल लगाकर जिंदगी जीने के लिए विवश हैं. इनका आरोप है कि अभी तक इनको सरकार की तरफ से कोई मदद भी नहीं मिली है. गृह मंत्री अमित शाह ने अरुणाचल में रामकृष्ण मिशन आश्रम का दौरा किया केजरीवाल के साथ तेलंगाना के सीएम केसीआर आज दिल्ली में मोहल्ला क्लिनिक जाएंगे ट्रेन की चपेट में आने से तीन आदिवासी बच्चों की मौत, पटरी पर मिले कटे हुए शव