नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए संगठन को बैन कर दिया है। केंद्रीय एजेसियों ने जांच के बाद बताया है कि इस संगठन ने युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए बाबरी विध्वंस और गुजरात दंगे का वीडियो का जमकर सहारा लिया। इस संगठन और इसके सदस्यों के खिलाफ अब तक 1400 से अधिक आपराधिक केस दर्ज हो चुके हैं। ये मामले गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम-1967, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और IPC के तहत देश भर में दर्ज हुए हैं। केंद्रीय जांच एजेंसियों के आंकड़ों से इस संबंध में जानकारी मिली है। क्या होता है जीरो फेस्टिवल ? देश-विदेश से लोग इसे देखने आते हैं अरुणाचल PFI के शीर्ष नेताओं और संदिग्धों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि इस संगठन ने विभिन्न खाड़ी देशों में जिला कार्यकारी समितियों का गठन किया था। द इंडिया फ्रेटरनिटी फोरम और इंडियन सोशल फोरम इस संगठन के विदेशी समूह थे। एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि, 'इन समूहों को फंडिंग एकत्रित करने के लिए प्रवासी मुस्लिमों के साथ जुड़ने का कार्य सौंपा गया था। आम तौर पर धन नकद में जुटाया जाता था और हवाला के माध्यम से भारत में लाया जाता था। या फिर भारत में उन प्रवासी मुस्लिमों के रिश्तेदारों और PFI सदस्यों के दोस्तों के खातों में पैसे भेजकर भी सहायता की जाती थी।' देश को मिला नया CDS, जानिए कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ? प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) के पूर्व महासचिव रऊफ शरीफ से पूछताछ की, तो पता चला कि PFI एक गुप्त विंग भी ऑपरेट करता है। यह चुनिंदा हिंदूवादी नेताओं पर हमला करने की योजना बनाता है और उसे अंजाम देता है। इस साल जुलाई में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के सदस्य प्रवीण नेतरू की हत्या बाइक सवार हमलावरों ने मुस्लिम प्रवासी मजदूर मसूद की हत्या के बदले में की थी। स्थानीय पुलिस और बाद में NIA को आरोपी के PFI और SDPI के साथ ताल्लुक मिले। भारत में PFI और CFI दोनों पर ही बैन हैं। PFI पर बैन को गलत बताकर अब अपने बयान से पलटे जदयू नेता, जानिए क्या कहा? NIA के एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि, '1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस और 2002 के गुजरात दंगों के वीडियो दिखाकर PFI मुस्लिम युवकों को कट्टरपंथी बनाता था। फिर इन युवकों को हथियारों का प्रशिक्षण दिया जाता था।' बता दें कि, सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि PFI 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के मिशन पर काम कर रहा था, साथ ही वो हिन्दू लड़कियों के साथ लव जिहाद के लिए मुस्लिम युवकों को नकद पैसे भी देता था। जांच एजेंसियों की छापेमारी में PFI सदस्यों के पास से ऐसे दस्तावेज़ मिले हैं, 'जिसमे मूर्तिपूजकों को जहाँ देखो काट डालो' जैसी नफरती बातें लिखीं हुईं हैं। 'हिम्मत है तो RSS पर बैन लगाकर दिखाएं...', लालू यादव को मोदी ने दी खुली चुनौती Surgical Strike: 19 शहीदों के बदले में भारतीय वीरों ने 40 आतंकियों को पहुँचाया था जहन्नुम विश्व ह्रदय दिवस आज, जानिए इसे मानाने का उद्देश्य और इतिहास