नई दिल्ली : इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के प्रति जनता के लगातार घटते विश्वास का कारण बताते हुए 16 विपक्षी दलों ने कल चुनाव आयोग से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज की और पुरानी पद्धति से मतपत्र से ही मतदान कराने की मांग की. गौरतलब है कि ईवीएम में छेड़छाड़ की घटनाओं के आरोपों के बीच विपक्षी दलों ने आज एकजुट होकर इसके खिलाफ साझा मुहिम शुरू करते हुए चुनाव आयोग से मतपत्रों के इस्तेमाल का समर्थन करते हुए चुनाव आयोग से फिर से मतपत्रों से मतदान की व्यवस्था को लागू करने की मांग की. चुनाव आयोग पहुँचने वालों में विपक्षी दल में कांग्रेस, बसपा, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों के नेता शामिल थे. इसी मुद्दे को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 13 अप्रैल को सुनवाई करेगा. बता दें कि इस मुद्दे पर चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बताया कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने आयोग को ईवीएम के प्रति अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है. आयोग ने सभी विपक्षी दलों की चिंता और शंका को दूर करने का भरोसा दिलाया है. द्रमुक नेता टी शिवा ने कहा कि आयोग ने जल्द ही इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक कर ईवीएम में गडबडियों से जुड़ी शिकायतों पर विस्तार से विचार विमर्श करने का भरोसा दिलाया है.जबकि दूसरी ओर देर शाम आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने भी ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे पर चुनाव आयोग को अपना प्रतिवेदन सौंपा. जिसमें नगर निगम चुनाव में राजस्थान से मंगाई गई ईवीएम से मतदान नहीं कराने का अनुरोध किया.आप ने राजस्थान से पुरानी मशीनें बुलाने पर आपत्ति ली है. यह भी देखें प्रतिकूल कानून व्यवस्था के कारण 25 मई तक टला अनंतनाग उप चुनाव नोट के बदले वोट के मद्देनजर तमिलनाडु का उप चुनाव रद्द