आप सभी को बता दें कि इस साल आमलकी एकादशी 2019 को आने में कुछ ही समय बचा है. इस एकादशी को फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष एकादशी के नाम से भी पुकारा जाता है. ऐसे में इस एकादशी का साल में आने वाली सभी एकादशियों में बहुत ही खास महत्व है और कहते हैं इस बार यह 17 मार्च 2019 यानी रविवार को है. आप सभी को बता दें कि आमलकी एकादशी का बहुत अधिक महत्व माना जाता है. कहते हैं पुराणों के अनुसार, आमलकी एकादशी का व्रत करने से पुण्य मिलता है और एकादशी के विषय में कई जगहों पर इसका विशेष वर्णन है. आप सभी को बता दें कि ऐसा भी कहा जाता है कि जब सृष्टि का आरंभ हुआ तो सबसे पहले आंवले के वृक्ष की उत्पत्ति हुई थी और इसी कारण से सबसे पहले आमलकी एकादशी का त्योहार मनाया जाता है और भगवान विष्णु के साथ आवंले के वृक्ष की भी पूजा हो जाती है. कहते हैं इस दिन आंवले के वृक्ष के नीछे भगवान विष्णु का वास है जैसे कहते है कि पीपल के पेड़ पर शनिवार को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी वास करते हैं उसी तरह भगवान विष्णु यह जगह अत्यंत प्रिय है. इस कारण से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है और इतना ही नहीं पूजा के बाद आंवले का उबटन, आंवले के जल से स्नान, आंवला पूजन, आंवले का भोजन और आंवले का दान करना चाहिए. इस दिन किसी ना किसी रूप में आंवले का होना जरूरी माना जाता है. इस एकादशी का सभी 12 एकादशियों में सबसे ज्यादा महत्व है और आमलकी एकादशी को आमलक्य एकादशी भी कहते हैं. देवी सती की एक गलती से बर्बाद हो गया था सब कुछ, सुहागन महिलाएं रखे ध्यान जानिए आखिर क्यों रामायण के जाम्बवंत से महाभारत में श्रीकृष्ण दे लड़ा था युद्ध श्रीराम के अनुसार पुरुष द्वारा किया गया यह काम दिलाता है उसे नर्क में जगह