रायपुर: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पत्थलगांव व बगीचा क्षेत्र में अंधविश्वास और चंगाई सभा के भ्रम से धर्मांतरण करने वाले आदिवासी अब बकायदा प्रशासनिक अधिकारियों को हलफनामा देकर सनातन धर्म में घर वापसी करने लगे हैं। जनजातीय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मंत्री गणेश राम भगत की उपस्थिति में बगीचा का कुरडेग गांव में पुनः हिंदू धर्म में लौटने वाले 17 लोगों का भव्य स्वागत किया गया। इन सभी का ग्रामीण महिलाओं ने नाच-गाना करके और उनके पैर धोकर अपने साथ मिलाया। दरअसल, चंगाई सभा में मात्र प्रार्थना करके विभिन्न बीमारियों से ठीक हो जाने का प्रलोभन देने के बाद इन आदिवासियों लोगों ने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया था, मगर उन्हें बीमारियों से निजात नहीं मिली, जिसके बाद आदिवासियों के हितों की रक्षा करने वाले जनजातीय सुरक्षा मंच ने इन पीड़ितों का उपचार अस्पताल में करवाया और वे अपनी जटिल बीमारी से रिकवर हो गए। इसी बात से प्रभावित होकर इन 17 जनजातीय लोगों ने सनातन धर्म में घर वापसी की। जनजातीय सुरक्षा मंच के प्रमुख रामप्रकाश पांडेय ने बताया कि आदिवासी समुदाय के लोग अब अपने हितों को अच्छी तरह समझने लगे हैं. इससे आदिवासियों की प्राचीन संस्कृति को लुप्त होने से बचाया जा सकेगा। वहीं, गणेश राम भगत ने कहा कि अब लोग अंधविश्वास से स्वत: निकल कर पुनः हिंदू धर्म में लौट रहे हैं। राजस्थान में 19000 किसानों की जमीनें कुर्क, नहीं चुका पाए कर्जा! 10 दिन में 'कर्जमाफी' का था वादा पीएम नेहरू के फैसले के खिलाफ इस्तीफा देने आ गए थे सुप्रीम कोर्ट के तमाम जज ! CJI चंद्रचूड़ के पुत्र अभिनव की किताब में खुलासा 'भाजपा-RSS के नेता ही पादरी बनकर हिन्दुओं का धर्मांतरण कर रहे..', कांग्रेस नेता सुशिल आनंद का दावा