18 ज्वालामुखी बने अमेरिका के लिए खतरे की घंटी, भूवैज्ञानिकों ने जारी की रिपोर्ट

वाशिंगटन: वैज्ञानिकों ने 18 अमेरिकी ज्वालामुखी को उनकी सक्रियता और आबादी वाले क्षेत्रों के नज़दीक होने के कारण 'बहुत बड़ा खतरा' बताया है. यूएस भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने 2005 के बाद से पहली बार अपने ज्वालामुखी से उत्पन्न होने वाले खतरे के आकलन को अपडेट किया है. खतरे की सूची में हवाई का किलाउआ ज्वालामुखी सबसे ऊपर है, जो इसी साल फटा है. यह रिपोर्ट हवाई से कैलिफोर्निया तक के सभी ज्वालामुखियों की जांच करने के बाद जारी की गई है.

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शीर्ष पांच अन्य ज्वालामुखियों में वाशिंगटन के माउंट सेंट हेलेन्स और माउंट रेनियर, अलास्का का रेडबॉट ज्वालामुखी और कैलिफोर्निया का माउंट शास्ता शामिल है. कॉनकॉर्ड यूनिवर्सिटी ज्वालामुखी विशेषज्ञ जेनाइन क्रिपनर ने कहा, "यह रिपोर्ट कई लोगों के लिए आश्चर्यचकित हो सकती है, लेकिन ज्वालामुखीविदों के लिए नहीं." उन्होंने कहा, "ज्वालामुखीय गतिविधि की बात आने पर संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया के सबसे सक्रिय देशों में से एक है," उन्होंने कहा कि 1980 से अब तक अमेरिका में 120 ज्वालामुखी विस्फोट हुए हैं.

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डेनिसन यूनिवर्सिटी ज्वालामुखीविज्ञानी एरिक क्लेमेटी ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के तथाकथित 18 ज्वालामुखियों में से सब पर पर्याप्त निगरानी नहीं रखी जा रही है, जो आगे जाकर हानिकारक सिद्ध हो सकती है. उन्होंने कहा कि इनमे से अधिकतर ज्वालामुखी ऑरेगोन के कास्केड पहाड़ों में सक्रीय हैं, जबकि कुछ वाशिंगटन में हैं. यूएसजीएस के ज्वालामुखी विज्ञान केंद्र के निदेशक टॉम मरे ने कहा, पिछली गतिविधि के कारण, अलास्का ज्वालामुखी पर एक व्यापक निगरानी प्रणाली के द्वारा नज़र रखी जा रही है. 

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