पिछले भाग में हमने आपको शिव जी के पंद्रहवे अवतार के बारे में बताया था.आज हम आपको बताने जा रहे है शिवजी के सोलहवे अवतार के बारे में . किरात अवतार में भगवान शंकर ने पाण्डुपुत्र अर्जुन की वीरता की परीक्षा ली थी. महाभारत के अनुसार कौरवों ने छल-कपट से पाण्डवों का राज्य हड़प लिया व पाण्डवों को वनवास पर जाना पड़ा. वनवास के दौरान जब अर्जुन भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए तपस्या कर रहे थे, तभी दुर्योधन द्वारा भेजा हुआ मूड़ नामक दैत्य अर्जुन को मारने के लिए शूकर( सुअर) का रूप धारण कर वहां पहुंचा. अर्जुन ने शूकर पर अपने बाण से प्रहार किया, उसी समय भगवान शंकर ने भी किरात वेष धारण कर उसी शूकर पर बाण चलाया. शिव कीमाया के कारण अर्जुन उन्हें पहचान न पाए और शूकर का वध उसके बाण से हुआ है, यह कहने लगे. इस पर दोनों में विवाद हो गया. अर्जुन ने किरात वेषधारी शिव से युद्ध किया. अर्जुन की वीरता देख भगवान शिव प्रसन्न हो गए और अपने वास्तविक स्वरूप में आकर अर्जुन को कौरवों पर विजय का आशीर्वाद दिया. अगले भाग में हम आपको शिव जी सत्रहवें अवतार की जानकारी देंगे. जाने हनुमान जी के संकट मोचक मन्त्र के बारे में