पिछले भाग में हमने आपको शिव जी के सत्रहवें अवतार के बारे में बताया था .आज हम आपको बताने जा रहे है कि क्या था था शिव जी का अठारवे अवतार . तो आइये जानते है है शिव जी अठारवे अवतार के बारे में- दक्ष के यज्ञ में प्राण त्यागने के बाद जब सती ने हिमालय के घर जन्म लिया तो शिवजी को पति रूप में पाने के लिए घोर तप किया. पार्वती की परीक्षा लेने के लिए शिवजी ब्रह्मचारी का वेष धारण कर उनके पास पहुंचे. पार्वती ने ब्रह्मचारी को देख उनकी विधिवत पूजा की. जब ब्रह्मचारी ने पार्वती से उसके तप का उद्देश्य पूछा और जानने पर शिव की निंदा करने लगे तथा उन्हें श्मशानवासी व कापालिक भी कहा. यह सुन पार्वती को बहुत क्रोध हुआ. पार्वती की भक्ति व प्रेम को देखकर शिव ने उन्हें अपना वास्तविक स्वरूप दिखाया. यह देख पार्वती अति प्रसन्न हुईं. जाने शिव जी के 19 अवतारों के बारे में