काठमांडू: नेपाल में भारी बारिश, बाढ़, और भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या 192 तक पहुंच गई है, कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। देशभर में राहत और बचाव कार्य जारी है, खासकर त्रिभुवन राजमार्ग जैसे क्षेत्रों में, जहां भूस्खलन ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया है और कई वाहन दब गए हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मलबे में चार बसें फंसी होने की संभावना है, जिनमें से तीन दिखाई दे चुकी हैं। बचाव दल लगातार मलबे में दबे लोगों के शव निकालने में जुटे हुए हैं, जिन्हें पोस्टमार्टम के लिए काठमांडू भेजा जा रहा है। धाडिंग जिले के पुलिस प्रमुख गौतम केसी के अनुसार, यहाँ से अब तक 35 शव बरामद किए जा चुके हैं और तलाशी अभियान जारी है। पुलिस, सेना, और सशस्त्र बलों के लगभग सौ सुरक्षाकर्मी चौबीसों घंटे बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। शनिवार शाम तक, बुटवाल से काठमांडू जा रहे एक वाहन से 14 शव निकाले गए, और रविवार को अन्य दो वाहनों से 21 और शव बरामद हुए। इसके अलावा, चितवन से रवाना हुई माइक्रोबस से 16 शव और गोरखा जिले से निकली एक बस से 5 शव मिले हैं। लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते हजारों वाहन राजमार्गों पर फंसे हुए हैं, और नेपाल में सड़क मार्ग से यात्रा करने में डर का माहौल है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस साल नेपाल में औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई है, और मानसून की अवधि को अक्टूबर के अंत तक बढ़ा दिया गया है। जून से अब तक नेपाल में 1,586.3 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो औसत से 107.2 प्रतिशत अधिक है। राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन प्राधिकरण (NDRRMA) का अनुमान है कि इस मौसम से 1.8 मिलियन लोग प्रभावित होंगे और 412 हजार घरों को नुकसान पहुंचेगा। नेपाल में मानसून का मौसम सामान्य रूप से जून से सितंबर तक रहता है, लेकिन हाल के वर्षों में इसे खत्म होने में अधिक समय लग रहा है। 'मोदी को हटाने तक मैं नहीं मरूंगा..', खड़गे के बयान पर क्या बोले अमित शाह? जम्मू-कश्मीर चुनाव के बीच 23 सरकारी अधिकारी निलंबित, 130 करोड़ रुपये जब्त 'अगर दुर्गा पूजा मनाई..', बांग्लादेश में इस्लामवादियों की खुली धमकी, भारत में 'नसरल्लाह' पर मातम