1971 युद्ध अपराध के छह दोषियों को मौत की सजा

ढाका. बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने 1971 में पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के दोषी लोगों को मौत की सजा सुनाई है. तीन जजों के एक पैनल ने बुधवार को जमात-ए-इस्लामी के छह सदस्यों को मौत की सजा सुनाते हुए कहा कि इनके खिलाफ आरोप 'संदेह से परे साबित' हुए हैं.

जिन छह लोगों को मौत की सजा सुनाई गई वे उत्तरपश्चिम गेइबंधा के रहने वाले हैं. ये सभी कट्टरपंथी पार्टी जमात-ए-इस्लामी से संबंध रखते हैं. इस पार्टी ने वर्ष 1971 में बांग्लादेश की आजादी का विरोध किया था और नरसंहार करने के लिए पाकिस्तानी सैनिकों के साथ हाथ मिला लिया था. इनको इंटरनेशनल क्राइम एक्ट 1973 की धारा 20 (2) के तहत दोषी पाया गया है. 

गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण की स्थापना वर्ष 2010 में हुई थी. इसका मुख्य काम 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के वक्त हुए नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध और इससे जुड़े अन्य मामलों में दोषियों पर अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत दर्ज मुकदमों की सुनवाई करना है. 1971 में हुए नरसंहार के लिए दोषी करार दिए छह लोग अब तक फांसी पर लटकाए जा चुके हैं. इनमें विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी का एक और जमात-ए-इस्लामी के पांच नेता शामिल थे.

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