1984 सिख नरसंहार: कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के बाद क्या कमलनाथ के खिलाफ भी दाखिल होगी चार्जशीट ?

भोपाल​: 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों का मुद्दा एक बार फिर सुर्ख़ियों में आ गया है। दरअसल, CBI ने एक गुरूद्वारे में 3 सिखों की हत्या के एक मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। IPC की धारा-302 के तहत ये चार्जशीट फाइल की गई है। इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जगदीश टाइटलर का भी नाम सामने आया है, जो अक्सर पार्टी की बैठकों में नज़र आते रहते हैं। अब सिखों के वकील HS फूलका ने जानकारी दी है कि अटल सरकार द्वारा वर्ष 2000 में बनाए गए नानावटी कमीशन के सामने पीड़ित पक्ष ने सारे तथ्य रख दिए थे। बता दें कि, इंदिरा गांधी के क़त्ल (1984) के बाद पूरे देश में सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे। इन दंगों की जांच के लिए अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने वर्ष 2000 में नानावटी कमीशन गठित किया था।  नानावटी कमीशन ने अपनी रिपोर्ट वर्ष 2005 में मनमोहन सिंह सरकार को सौंप दी थी।  

 

वकील HS फूलका ने कहा कि, इसके बाद नानावटी आयोग ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ मामला दर्ज करने की सलाह भी दी थी। किन्तु, उस वक़्त केंद्र में डॉ मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री (रिपोर्ट जमा करते वक़्त ) थे और केंद्र सरकार ने इस सलाह को ख़ारिज कर दिया। हालाँकि, संसद में इसका विरोध करने के बाद, सरकार को अपना स्टैंड बदलने के लिए विवश होना पड़ा था। सिखों के वकील फूलका ने बताया था कि CBI ने उस वक़्त 2-3 बार जगदीश टाइटलर को क्लीन चिट भी दे दी थी, किन्तु कोर्ट ने इसे नकार दिया। इसके बाद कोर्ट ने खुद जांच की निगरानी की और अब CBI ने जांच पूरी कर टाइटलर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। 

 

वहीं, चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में भी ये मामला उठने लगा है। भाजपा ने सवाल किया है कि क्या कांग्रेस, सिख नरसंहार के आरोपित कमलनाथ की अगुवाई में विधानसभा चुनाव लड़ेगी? राज्य की शिवराज सरकार में मेडिकल एजुकेशन मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद हुए सिख नरसंहार में जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार के साथ ही कमलनाथ का भी नाम सामने आया था। तीनों कांग्रेस के ही नेता हैं। उन्होंने कहा कि CBI इस मामले की छानबीन कर रही है, कमलनाथ के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल होगी। ध्यान रहे कि, इस मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को कोर्ट उम्रकैद की सजा सुना चुकी है।

बता दें कि, CBI ने जगदीश टाइटलर के खिलाफ केस में पहले क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी। हालांकि, सेशन कोर्ट ने CBI की तरफ से दाखिल क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया था। वहीं, इस मामले में एक अन्य आरोपी सुरेश कुमार को अदलात ने सबूतों के अभाव में वर्ष 2014 में आरोपमुक्त कर दिया था। वर्ष 2018 में मंजीत सिंह जीके को एक करोबारी से टेप्स मिले थे। जिसमे दावा किया गया था कि एक स्टिंग ऑपरेशन में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की थी। हालाँकि, सिख नरसंहार के 39 वर्षों के बाद भी कई लोगों को इंसाफ नहीं मिला है, अब जगदीश टाइटलर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने के बाद, ये देखना दिलचस्प होगा कि, यह मामला आगे कहाँ तक जाता है।

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