नईदिल्ली। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में डीएमके के नेताओं के बरी हो जाने से माना जा रहा है कि कोई बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हो सकता है। हालांकि भाजपा के लिए एआईएडीएमके या डीएमके में से किसी एक को गठबंधन की राजनीति के लिए चुनना बेहद मुश्किलभरा निर्णय होगा। ऐसे में उसका राजनीतिक समीकरण गड़बड़ा सकता है। इस तरह से तमिलनाडु की राजनीति में व्यापक परिवर्तन आने की संभावना है। माना जा रहा है कि 2 जी घोटाले में आरोपियों के बरी हो जाने का लाभ लोकसभा चुनाव में डीएमके को भी मिलेगा। डीएमके के नेताओं के बरी होने से भारतीय जनता पार्टी द्वारा तमिलनाडु में गठबंधन की संभावनाऐं हैं। रविवार को आरके नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की मतगणना हुई थी। जिसमें टीटीवी दिनाकरण जीत गए हैं। पार्टी की फूट एआईएडीएमके के लिए नुकसानदायक हो सकती है। भाजपा को इस बात की उम्मीद थी कि एआईडीएमके का राज्य में प्रभाव हो सकता है लेकिन अब भाजपा डीएमके की ओर जा सकती है। ऐसे में केंद्रीय और विधानसभा स्तर की राजनीति में डीएमके शिखर पर उभर सकती है। भाजपा के लिए राज्य में सियासी जोड़-तोड़ अभी भी परेशानी भरा बना हुआ है जबकि उसकी जीत हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव में हुई है। गौरतलब है कि डीएमके के नेताओं को 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में बरी कर दिया गया था। इस मामले के सभी आरोपी बरी हो गए थे। इन आरोपियों में कनीमोझी और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा का नाम भी शामिल था। '2जी' के बाद कांग्रेस को 'आदर्श' में मिली राहत कनीमोझी और ए. राजा का हुआ भव्य स्वागत 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में नीरा राडिया का बयान भी नहीं आया काम