पटना: बिहार में सत्ता परिवर्तन के पश्चात् भाजपा अब किसी भी दल के बैसाखी की जगह स्वयं के पैरों पर खड़े होने की कवायद में जुट गई है। भाजपा ने नीतीश-तेजस्वी की महागठबंधन सरकार को सदन में घेरने के लिए अपने नेता का चुनाव कर लिया है। विधानसभा में स्पीकर पद से इस्तीफा देने वाले विजय कुमार सिन्हा को नेता प्रतिपक्ष बनाया है तो सम्राट चौधरी को विधान परिषद में मुख्य विपक्षी नेता चुना है। विजय कुमार सिन्हा एवं सम्राट चौधरी भाजपा के ऐसे नेता हैं, जिनके सीएम नीतीश कुमार के साथ छत्तीस के आंकड़े रहे हैं। ऐसे में भाजपा ने एक ओर अपने इन दोनों नेताओं के माध्यम से नीतीश सरकार पर आक्रमक रुख अपनाए रखने के संकेत दिए हैं तो दूसरी जातीय समीकरण को भी साधने का दांव चला है। विजय कुमार सिन्हा भूमिहार जाति से आते हैं तो सम्राट चौधरी कोइरी समाज से हैं। इस प्रकार भाजपा ने सत्तापक्ष को स्पष्ट संदेश दिया है कि सड़क से सदन तक नीतीश सरकार को घेरने की कोई भी गुजाइंश नहीं छोड़ेगी? दरअसल, बिहार के बदले हुए राजनीतिक समीकरण में 74 विधायकों वाली भाजपा पूरी तरह से अकेले पड़ गई है। ऐसे हालात में भाजपा को एक ऐसा नेता चाहिए था जो नीतीश-तेजस्वी सरकार पर सामने से और सीधे तौर पर हमला बोल सके। विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी की छवि तेज-तर्रार नेता एवं मुखर वक्ता के रूप में रही है। विपक्ष के किरदार में पहुंचने के बाद विजय सिन्हा एवं सम्राट चौधरी को सदन में प्रतिनिधित्व देकर भाजपा ने बड़ा संदेश दिया है। विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर विजय कुमार सिन्हा एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच हुए विवाद के चलते स्पष्ट रूप से देखा गया था कि कैसे विजय सिन्हा ने नीतीश को घेरा था। ऐसे में भाजपा ने विजय सिन्हा को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बैठाकर बिहार में भविष्य की रणनीति स्पष्ट कर दी है। विजय सिन्हा भूमिहार जाति से आते हैं, जो भाजपा का परंपरागत वोट रहा है, मगर जनता दल यूनाइटेड की भी इस पर मजबूत पकड़ रही है तथा अब तेजस्वी यादव भी अपना राजनीतिक आधार भूमिहार समुदाय के बीच बढ़ा रहे हैं। सूबे में भूमिहार समाज लगभग 6 प्रतिशत है, मगर सियासी तौर पर बहुत मजबूत माने जाते हैं। बोचहां विधानसभा उपचुनाव में भूमिहारों ने राष्ट्रीय जनता दल के पक्ष में वोट किया था, जिसके चलते भाजपा ने भूमिहार समुदाय को साधने के लिए विजय सिन्हा को आगे बढ़ाया है। सम्राट चौधरी को भाजपा ने विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बनाया है। 'मैंने बेटे की सगाई के लिए कैश रखा था', CBI छापे पर बोला ये नेता केजरीवाल सरकार को कोई खतरा नहीं, बैठक में 53 MLA रहे मौजूद, लेकिन 'शराब घोटाले' का क्या ? CM सोरेन पर मंडराया एक और बड़ा खतरा, EC ने राज्यपाल को भेजी रिपोर्ट