20 डाक्टरों ने मिलकर किया भारत का पहला फुल आर्म ट्रांसप्लांट

कोच्चि: केरल के कोच्चि मौजूद अमृता चिकित्सालय में एक मरीज के दोनों हाथों का सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया गया है। दरअसल, कर्नाटक के रहने वाले 25 वर्षीय अमरेश ने बिजली के झटके की वजह से अपने दोनों हाथ खो दिए थे। मगर अब उनके दोनों हाथों का ट्रांसप्लांट कर दिया गया है तथा चिकित्सकों का कहना है कि उनका रिकवरी रेट अच्छा है। 

रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक के यादगीर में गुलबर्गा इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (GESCOM) के साथ काम करने वाले जूनियर पावर मैन अमरेश ने कुछ वर्ष पहले एक बिजली दुर्घटना में अपने दोनों हाथ खो दिए थे। तत्पश्चात, उन्होंने सितंबर 2018 में केरल नेटवर्क फॉर ऑर्गन शेयरिंग (KNOS) में अंग प्रत्यारोपण का इंतजार कर रहे अंग प्राप्तकर्ता के तौर पर पंजीकरण कराया।  

खबर के मुताबिक, अमरेश को यह नया जीवन 54 वर्षीय विनोद की वजह से मिल सका है। विनोद कोल्लम में एक सड़क हादसे का शिकार हो गए थे तथा जनवरी 2022 को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। विनोद का परिवार उनके हाथों समेत अन्य अंगों को दान करने के लिए तैयार हो गया। डॉ. सुब्रमण्यम अय्यर एवं डॉ. मोहित शर्मा के नेतृत्व में 20 सर्जन और 10 एनेस्थेटिस्ट्स वाली टीम ने यह सर्जरी की। सर्जरी बहुत परेशानी थी तथा तकरीबन 18 घंटे में पूरी हुई। अमृता हॉस्पिटल के सेंटर फॉर प्लास्टिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के प्रमुख डॉ. अय्यर का कहना है कि दुनिया में सिर्फ तीन कंधे के स्तर के पूर्ण-हाथ प्रत्यारोपण किए गए हैं तथा यह भारत में पहला है।

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