पटना: बिहार में अब 20 फीसदी पुलिस थानों की जिम्मेदारी महिलाओं के हाथों में होगी। इस बात की घोषणा राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) आरएस भट्टी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर की। उन्होंने बताया कि जल्द ही बिहार के कम से कम 20 प्रतिशत पुलिस थानों का नेतृत्व महिला पुलिस अधिकारी करेंगी। बिहार पुलिस में कार्यरत महिला कर्मियों की संख्या अब लगभग 30,000 हो गई है, जिनमें से 223 महिलाएं राज्यभर में थाना प्रभारी या अतिरिक्त थाना प्रभारी के रूप में तैनात हैं। आने वाले समय में इस संख्या में और भी वृद्धि होने की उम्मीद है। डीजीपी भट्टी ने पटना स्थित पुलिस मुख्यालय में 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में तिरंगा फहराया। अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि राज्य के हर थाने में महिला ‘हेल्प डेस्क’ स्थापित की गई है, जहां शिकायतों की सुनवाई और कार्रवाई पूरी तरह से महिला पुलिस अधिकारियों द्वारा की जाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार पुलिस महिलाओं की संख्या बढ़ाने और उनके सशक्तिकरण की दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों के लिए आर्थिक सहायता की बात करते हुए डीजीपी ने बताया कि फिलहाल उनके लिए 25 लाख रुपये की सहायता राशि निर्धारित है, लेकिन इसे जल्द ही बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये किया जाएगा। इस निर्णय को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है, लेकिन इस दिशा में कार्य जारी है। इस विषय पर चर्चा के लिए सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई गई है। यह राशि बिहार पुलिस अपने कल्याण कोष से प्रदान करेगी। प्रमोशन के सवाल पर डीजीपी ने बताया कि हाल के दिनों में करीब 15,000 पुलिसकर्मियों को प्रमोशन दिया गया है, और अब यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी कर्मियों को समय पर प्रमोशन मिले। इसके अलावा, बिहार में पहली बार राष्ट्रीय मानक के दो ‘साइबर फोरेंसिक लैब’ भी स्थापित किए जाने की योजना है, जो पुलिस की तकनीकी क्षमताओं को और मजबूत बनाएंगे। पीएम मोदी को आया बांग्लादेश के अंतरिम प्रमुख मोहम्मद यूनुस का फोन, भारत ने उठाया हिन्दू विरोधी हिंसा का मुद्दा चुनावी ऐलान से पहले ही जम्मू कश्मीर में हुआ बड़ा उलटफेर, कई बड़े पुलिस अधिकारियों का तबादला केंद्र सरकार के किस काम के मुरीद हुए तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ? की तारीफ