स्वामी विवेकानंद के 20 उद्धरण जो आपको जीवन में मार्गदर्शन करेंगे

 

1- उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये.

2- धन्य हैं वो लोग जिनके शरीर दूसरों की सेवा करने में नष्ट हो जाते हैं.

3- खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है.

4- एक शब्द में, यह आदर्श है कि तुम परमात्मा हो.

5-  उस व्यक्ति ने अमरत्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता.

6- जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते.

7- सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा.

8- विश्व एक व्यायामशाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं.

9- इस दुनिया में सभी भेद-भाव किसी स्तर के हैं, ना कि प्रकार के, क्योंकि एकता ही सभी चीजों का रहस्य है.

10- बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है.

11- तुम फ़ुटबाल के जरिये स्वर्ग के ज्यादा निकट होगे बजाये गीता का अध्ययन करने के.

12- दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो.

13- किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं.

14- सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चे होना. स्वयं पर विश्वास करो.

15-जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है, यह अग्नि का दोष नहीं है.

16- बस वही जीते हैं,जो दूसरों के लिए जीते हैं.

17- शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है. विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है. प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है.

18- ना खोजो ना बचो, जो आता है ले लो.

19-  मनुष्य की सेवा करो. भगवान की सेवा करो.

20- आकांक्षा, अज्ञानता, और असमानता – यह बंधन की त्रिमूर्तियां हैं.

अपने जीवन में उतार लीजिए स्वामी विवेकानंद के यह विचार, मिलेगी सफलता

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