लॉकडाउन का पांचवा चरण प्रवासी कामगारों पर भारी पड़ा है. सड़क दुर्घटनाओं में करीब दो सौ प्रवासी कामगारों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. सेव लाइफ फाउंडेशन के द्वारा एकत्रित डाटा में इस बात का खुलासा हुआ है. फाउंडेशन के मुताबिक, देश में लॉकडाउन के दौरान 25 मार्च से 31 मई तक 1461 सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम 750 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इनमें 198 प्रवासी कामगार शामिल हैं. वहीं 1390 लोग घायल हुए हैं. दुनिया में काम करने के तरीके में कोरोना वायरस ने किया बड़ा बदलाव आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इन सभी मौतों में सर्वाधिक मौतें उत्तर प्रदेश में हुई है. यहां पर 245 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, जो सड़क दुर्घटनाओं में कुल मौतों का करीब 30 फीसद है. इसके बाद सर्वाधिक मौतें तेलंगाना (56), मध्य प्रदेश(56), बिहार (43), पंजाब (38) और महाराष्ट्र (36) में हुई हैं. वही, लॉकडाउन के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में मौत के आंकड़ों पर नजर डालें तो लॉकडाउन के अलग-अलग चरणों में कई सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की मौत हुई. इस दौरान देश भर में 750 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई. इनमें 198 प्रवासी मजदूर थे. वहीं 40 लोग अन्य सेवाओं से जुड़े थे. 512 अन्य लोगों की इस दौरान मौत हुई. पंजाब : राज्य में कोरोना प्रसार बढ़ा, उम्मीद से अधिक मरीज हुए संक्रमित इसके अलावा लॉकडाउन के पहले चरण(25 मार्च से 14 अप्रैल) में सड़क दुर्घटना में 67 लोगों की मौत हुई. इस दौरान 25 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई. वहीं 9 अन्य लोगों की मौत हुई. अन्य सेवाओं से जुड़े 7 लोगों की इस दौरान मौत हुई. वही, लॉकडाउन के दूसरे चरण(15 अप्रैल से 3 मई) में 70 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई. इस दौरान 17 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई. 42 अन्य लोगों की भी मौत सामने आई. अन्य सेवाओं से जुड़े 10 लोगों की रोड एक्सीडेंट में मौत हुई. फेम इंडिया ने जारी की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का डटकर सामना करने वाले 50 लोकप्रिय जिलाधिकारियों की लिस्ट पंजाब : बीज घोटाले में तेज हुई कार्यवाही, एक और व्यक्ति हुआ गिरफ्तारी एमपी : ध्वस्त अर्थव्यवस्था को इस तरह पटरी पर लाएगी सरकार