वाहन निर्माता कंपनी फॉक्सवेगन अपनी हैचबैक पोलो के नए जनरेशन की कार पर काम कर रही है, लेकिन इसको भारत में लॉन्च करने के लिए अभी संदेह है। इसका कारण पोलो का यूरोपियन मॉडल भारत के हिसाब से बहुत ही छोटा और महंगा साबित होगा। इसके अलावा कंपनी भारतीय मॉडल में बहुत से वो फ़ीचर्स नही लाएगी जिनकी जरुरत भारत में नहीं है। भारत के CO2 एमिशन नॉर्म्स भी यूरोपियन मार्केट की तरह सख्त नही है जो कंपनी को इसकी कीमत को कन्ट्रोल करने में मदद करेंगे। अगले दो महीने में यानी जून 2017 तक फॉक्सवैगन पोलो का यूरोप में उत्पादन शुरू हो जाएगा और संभव है कि साल के मध्य तक लॉन्च भी हो जाए. पर भारत में ये अगले साल तक ही दस्तक देगी। कहा जा रहा है कि भारत में ये कार टाटा मोटर्स के एएमपी प्लेटफार्म पर तैयार की जाएगी। अगर पोलो कार की फीचर की बात की जाए तो इसके तमाम कंपोनेंट्स को भारत में ही बनाया जाएगा और 1.2-लीटर पेट्रोल और 1.5-लीटर डीज़ल इंजन के साथ लॉन्च किया जाएगा। कंपनी पेट्रोल वर्जन के तीन वैरिएंट और डीजल इंजन के साथ एक वैरिएंट में पोलो को उतारेगी। ट्रांसमिशन में भी तीन विकल्प कंपनी देगी। 5 स्पीड मैनुअल, 6 स्पीड मैनुअल और 7 स्पीड ऑटोमैटिक। न्यू फॉक्सवैगन पोलो का माइलेज सिटी में 18 किमी प्रति लीटर और हाईवे पर 20 किमी प्रति लीटर बताया जा रहा है। टीवीएस ने अपाचे आरटीआर 200 का नया वर्जन किया लांच आ गया लग्जरी कार का जमाना, जाने खासियत