पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए अमावस्या को रखें व्रत, करें दान-पुण्य

आप सभी को बता दें कि चैत्र माह में कृष्ण पक्ष अमावस्या को चैत्र अमावस्या कहते हैं और गरुड़ पुराण में कहा गया है कि अमावस्या के दिन पितर अपने वंशजों से मिलने आते हैं. कहते हैं इस दिन व्रत रखकर दान करने, पितरों को भोजन अर्पित करने से वे प्रसन्न हो जाते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं. ऐसे में इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है और ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. कहा जाता है इस दिन पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करें और दीपक जलाना चाहिए और किसी गरीब को दान दक्षिणा देना भी शुभ माना जाता है. शनिदेव को नीले पुष्प, काले तिल और सरसों का तेल अर्पित करें तो इससे लाभ होता है.

आपको बता दें कि चैत्र अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान कर भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण करना चाहिए और चैत्र अमावस्या के व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. ऐसे में इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप नष्ट हो जाते हैं और इसी के साथ मानसिक पीड़ा से त्रस्त लोगों को इस दिन पवित्र नदियों में स्नान अवश्य करना चाहिए.

कहा जाता है इस दिन पशु-पक्षियों की सेवा से भी पुण्य की प्राप्ति होती है और चैत्र अमावस्या पर पितृों के लिए किया गया तर्पण, श्राद्ध, दान अनन्त फल प्रदान करता है. आपको बता दें कि अमावस्या को आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है और शास्त्रों में कहा गया है कि यदि पितृ के देहलोकगमन की तिथि पर पितृकर्म न कर सकें या उनके निधन की तिथि ज्ञात न हो तो अमावस्या को उनके निमित्त पितृकर्म किया जा सकता है.

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