नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस एकसूत्र पर चल रही है। कांग्रेस की मंशा किसी भी हालत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजय रथ रोकने की है और इसके लिए अगर जरूरी हुआ, तो राहुल गांधी को भी पार्टी दरकिनार कर सकती है। जो जानकारी मिल रही है, उससे तो यही लगता है कि पार्टी को राहुल से ज्यादा चिंता मोदी की है। तभी तो मोदी को रोकने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार है। पांच महीने से मोदी को गले लगाने के लिए तरस रहे थे राहुल बुधवार को पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस पार्टी हर हालत में महागठबंधन को साथ रखना चाहती है। अगर इसके लिए पार्टी को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पीएम पद की उम्मीदवारी से वापस लेना पड़े, तो वह इसमें गुरेज नहीं करेगी। पार्टी ने संकेत दिया कि वह महागठबंधन की पार्टियों में से किसी ऐसे उम्मीदवार को भी पीएम पद के लिए अपना चेहरा बना सकती है, जो आरएसएस से न जुड़ा हो। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस आरएसएस समर्थक को छोड़ किसी को भी पीएम पद पर देख सकती है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस मायावती या फिर ममता बनर्जी को भी पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर सकती है। महागठबंधन में से कौन होगा पीएम पद का उम्मीदवार ? दरअसल, रविवार को कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में राहुल गांधी को पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर सहमति मिली थी, लेकिन मंगलवार को महागठबंधन के प्रमुख दल राजद से विरोध की खबरें आईं। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि राहुल गांधी अकेले पीएम पद के उम्मीदवार नहीं है। इसके बाद कांग्रेस ने यह संकेत दिए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि महागठबंधन को एकजुट रखने के लिए ही कांग्रेस पार्टी ने यह मंशा जताई है। खबरें और भी भाजपा की राजद के साथ मिलीभगत- जेडीयू तेजस्वी की कांग्रेस को नसीहत