अहमदाबाद: अहमदाबाद में 2008 में हुए सिलसिलेवार बम ब्लास्ट केस में सत्र न्यायालय के न्यायाधीश ए आर पटेल ने आज फैसला सुना दिया है। अदालत ने 77 में से 49 आरोपितों को दोषी करार दिया है और 28 को बरी कर दिया। ट्रायल कोर्ट ने 1 फरवरी को फैसले की तारीख के रूप में तय किया था, मगर जज के कोरोना संक्रमित होने और होम आइसोलेशन में जाने के बाद मामले को 8 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। बता दें कि 2009 में कानूनी कार्यवाही शुरू हुई थी और 1163 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। 6000 दस्तावेजी सबूत पेश किए गए। 3,47,800 पेज की कुल 547 चार्जशीट दाखिल की गई। 77 आरोपितों के सामने 13 वर्षों बाद दोनों पक्षों की दलीलें पूरी हुई। 7 जज बदले गए, कोरोना काल में भी रोज़ाना सुनवाई चली 3 आरोपित पाकिस्तान और 1 आरोपित सीरिया भाग गया था। यह मामला 26 जुलाई 2008 का है, जब अहमदाबाद नगर पालिका क्षेत्र में 70 मिनट के अंदर 21 बम धमाके हुए थे। इस सीरियल ब्लास्ट ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस घटना में 56 लोगों की जान चली गई थी और 200 से अधिक लोग जख्मी हो गए थे। देश में इतने कम समय में इतने ब्लास्ट पहले कभी नहीं हुए थे। इस हमले के बाद गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ने सभी आतंकियों की तुरंत गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। अहमदाबाद में सीरियल ब्लास्ट के कुछ दिन बाद पुलिस ने सूरत के कई इलाकों से बड़ी मात्रा में बम मिले थे। इसके बाद अहमदाबाद में 20 और सूरत में 15 FIR दर्ज की गई थीं। कोर्ट की तरफ से सभी 35 FIR को एक साथ जोड़ देने के बाद दिसंबर 2009 में 77 आरोपितों के खिलाफ केस की शुरुआत हुई थी। पुलिस जाँच में दावा किया गया था कि वे एक ही षड्यंत्र का हिस्सा थे। पुलिस ने दावा किया था कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े आतंकियों ने वर्ष 2002 में गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए इस सीरियल ब्लास्ट को अंजाम दिया था। बता दें कि जब यह केस चल रहा था, तब कुछ कैदियों ने वर्ष 2013 में जेल में 213 फीट लंबी सुरंग खोदकर कथित तौर पर भागने का प्रयास किया था। इस जेल तोड़ने के प्रयास के लिए मुकदमा अभी भी विचाराधीन है। तमिलनाडु विधानसभा ने दूसरी बार एनईईटी विरोधी विधेयक को पारित किया पियो दिल्ली: पहले पीने की उम्र घटाई, फिर नई दुकानें खोलीं.., अब टेट्रा पैक में भी 'शराब' देगी केजरीवाल सरकार ईरान ने अमेरिका से अच्छे परमाणु समझौते तक पहुंचने के लिए 'अधिकतम दबाव' प्रतिबंधों को हटाने का आह्वान किया