आज 21 जून साल 2022 का सबसे बड़ा दिन (Longest Day) है, तो आज की रात सबसे छोटी (Shortest Night) होगी जी दरअसल आज सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा पर लंबवत होगा, इस वजह से यह घटना होगी। इसी के साथ आज दोपहर में एक ऐसा भी समय आएगा, जब आपको अपनी परछाई दिखाई नहीं देगी। जी दरअसल वेधशालाओं में शंकु यंत्र से आप इस अनोखी घटना को देख सकते हैं। आप सभी को बता दें कि 21 जून यानी आज दोपहर में 12 बजकर 28 मिनट पर व्यक्ति को अपनी परछाई दिखाई नहीं देगी ऐसा इसलिए क्योंकि आज सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा पर लंबवत होगा। इसी के साथ आपको जानकारी दे दें कि उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा एक कल्पनिक रेखा है। जी दरअसल यह देश में गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों से होकर गुजरती है और इन राज्यों के शहरों जैसे अहमदाबाद, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर, शहडोल, अंबिकापुर, रांची, हुगली और बांसवाड़ा से होकर कर्क रेखा गुजरती है। वहीँ हर साल करीब 21 जून को सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा पर लंबवत होता है। आप सभी को पता होगा कि एक दिन और रात में 24 घंटे होते हैं और आज सबसे बड़ा दिन 13 घंटे 34 मिनट का है और रात 10 घंटे 26 मिनट की होगी। जी हाँ और इस आधार पर आज की रात सबसे छोटी होगी। आपको बता दें कि आज का सूर्योदय 05:54:00 बजे हुआ है और सूर्योस्त शाम 7:27:00 बजे होगा। हालांकि जगहों के हिसाब से सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है। आप सभी को यह भी बता दें कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं और वैसे ही आज 21 जून से सूर्य की गति दक्षिण दिशा की ओर होनी प्रारंभ हो जाएगी। जी हाँ और इस वजह से सूर्य का उत्तरायण से दक्षिणायन की ओर गमन होगा यानी आज से सूर्य का दक्षिणायन प्रारंभ हो जाएगा। वहीँ इस कारण से आज के बाद से दिन छोटे होने लगेंगे और रात बड़ी होने लगेगी। आपको बता दें कि आने वाले 21 सितंबर को दिन और रात बराबर घंटे के होंगे और उसके बाद से रात बड़ी होगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य देव जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं और कर्क राशि की ओर गति करते हैं, तो वह उत्तरायण होता है। जी दरअसल यह अवधि करीब 6 माह की होती है और सूर्य मकर से मिथुन राशि में गोचर करते समय उत्तरायण होते हैं। वह कर्क राशि से धनु राशि की ओर गति करते समय दक्षिणायन होते हैं। यह अवधि भी 6 माह की होती है। इसी के साथ इस आधार पर पूरा एक वर्ष 6 माह उत्तरायण और 6 माह दक्षिणायन में बंटा होता है। आखिर क्यों ब्रह्मा जी ने की थी ब्रह्मास्त्र की रचना, जानिए पौराणिक कथा आखिर कैसे भोलेनाथ के गले में आया सांप, बड़ा रोचक है प्रसंग एक पिता ऐसा भी: बेटे को दिया था इच्छा मृत्यु का वरदान