इन मंत्रों और पत्तों के पूजन से खुश हो जाते हैं गणेश

कहते हैं कि शास्त्रों के अनुसार श्री गणेश जी की पूजा में दूर्वा का सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है और साथ ही यह मान्यता है कि गणपति को दूर्वा चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. ऐसे में दूर्वा को पूजन परंपरा से जोड़कर उन्होंने दुर्लभ वनस्पतियों को बचाने का संदेश दिया है क्योंकि इससे हम धरती की रक्षा कर अपने लिये एक स्वच्छ वातावरण का निर्माण कर सकेंगे. ऐसे में कहा जाता है गणपति की साधना-अराधना के लिए बताए गए 108 नाम के बारे में जिनके जप करने से भीतरी आध्यात्मिक शक्ति का विकास होता है.

यह भी माना जाता है कि श्री गणेश जी के 21 नाम वालें मंत्रों और 21 पेड़ों के पत्तों को अर्पित करने पर उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. मान्यता है कि पूजन की इस परंपरा के पीछे जीवनदायक प्राण वायु प्रदान करने वाले वृक्षों को न काटने का गूढ़ रहस्य छिपाया गया है. वहीं इस बात को कहने का तात्पर्य गणपति की साधना-अराधना से जुड़े इन वृक्षों संरक्षण किया जाना चाहिए. तो आइए जानते हैं श्री गणेश नाम वृक्षों के नाम.

ॐ सुमुखाय नमः शमी पत्र  ॐ गणाधीशाय नमः भृंगराज पत्र  ॐ उमापुत्राय नमः बेल पत्र  ॐ गजामुखाय नमः दूर्वापत्र  ॐ लम्बोदराय नमः बेर का पत्र  ॐ हर पुत्राय नमः धतूरे का पत्र  ॐ शूर्पकर्णाय नमः तुलसी के पत्र  ॐ वक्रतुण्डाय नमः सेम का पत्र  ॐ गुहाग्रजाय नमः अपामार्ग पत्र  ॐ एकदंताय नमः भटकटैया पत्र  ॐ हेरम्बाय नमः सिंदूर पत्र  ॐ चतुर्होंत्रे नमः तेज पत्र  ॐ सर्वेश्वराय नमः अगस्त पत्र  ॐ विकटाय नमः कनेर पत्र  ॐ हेमतुण्डाय नमः केला पत्र  ॐ विनायकायनमः आक पत्र  ॐ कपिलाय नमः अर्जन पत्र  ॐ वटवे नमः देवरारू पत्र  ॐ भालचंद्रय नमः महुए के पत्र  ॐ सुराग्रजाय नमः गांधारी पत्र  ॐ सिद्धि विनायक नमः केतकी पत्र

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