इस साल आने वाली ज्येष्ठ अमावस्या 22 मई को है. आप सभी को बता दें कि यह तिथि धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस अमावस्या का संबंध शनि महाराज से भी. ऐसे में हिन्दू पंचांग की अमावस्या का देवता पितृ देव को माना गया है इस कारण अमावस्या तिथि को पितरों को प्रसन्न करने के बाद देवताओं को प्रसन्न किया जाता है. तो आइए जानते हैं ज्येष्ठ अमावस्या क्यों है खास और क्या है इसका धार्मिक महत्व? इस अमावस्या को होती है शनि जयंती - आप सभी को बता दें कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि का जन्म हुआ था और धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से शनि का महत्वपूर्ण स्थान है. इसी के साथ आस्था के दृष्टि से देखें तो शनि को देवता की संज्ञा दी गई है और ज्योतिष में इसे एक क्रूर ग्रह माना गया है. जी दरअसल इस दिन मंदिरों में विशेष रूप से शनि-शांति के कर्म, अनुष्ठान, पूजा-पाठ और दान आदि से पितृ दोषों की शांति होती है. अमावस्या तिथि का महत्व - वहीं अगर धार्मिक मान्यताओं को माना जाए तो अमावस्या के दिन गंगा स्नान करना चाहिए. इसी के साथ इस दिन गंगा स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है. आप सभी को बता दें कि इस बार लॉकडाउन की वजह से गंगा स्नान नहीं कर पाएं तो आप घर में गंगा जल लेकर स्नान करने वाले जल में थोड़ा सा गंगा जल मिलाकर नहा सकते हैं. जी दरअसल अमावस्या के दिन दान करने का बहुत अधिक महत्व होता है और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दान करने से बहुत अधिक लाभ मिलता है. जी दरअसल ऐसा माना जाता है कि इस दिन दान करने से कई गुना फल मिलता है. सोमनाथ मंदिर के 'बाण स्तंभ' का रहस्य आज तक है अलसुलझा 100 किलो फूलो के साथ हुआ राम-सीता का स्वयंवर हैंडसम पुरुषों में होती है सबसे ज्यादा स्पर्म की कमी