पटना: एक दुखद खबर में, बिहार के कुछ हिस्सों में डूबने की अलग-अलग घटनाओं में महिलाओं सहित 22 लोगों की जान चली गई। ये दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं 24 घंटे के अंतराल में हुईं, जब अधिकांश पीड़ित जीवित्पुत्रिका उत्सव के अवसर पर नदियों और तालाबों में स्नान कर रहे थे। गौरतलब है कि जीवित्पुत्रिका पर्व के दौरान महिलाएं अपने बच्चों की सलामती के लिए व्रत रखती हैं और तालाबों और नदियों में स्नान करती हैं। रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, सीएम नीतीश कुमार ने बिहार के कुछ हिस्सों में 22 लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के लिए 4-4 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की। शनिवार को भोजपुर जिले में सोन नदी के बहियारा घाट के पास डूबने से 15 से 20 साल की कम से कम पांच लड़कियों की जान चली गई। रिपोर्टों के मुताबिक, पीड़ितों में से एक सेल्फी लेते समय तेज धारा में बह गया और अन्य ने लड़की को बचाने की कोशिश में अपनी जान गंवा दी। जहानाबाद में जहां चार लोग डूब गये, वहीं पटना और रोहतास में तीन-तीन लोगों की जान चली गयी। वहीं, दरभंगा और नवादा में दो अन्य की जान चली गयी। कैमूर, मधेपुरा और औरंगाबाद में तीन लोग तालाब में डूब गये। वहीं, एक बयान में, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के कमांडेंट सुनील कुमार सिंह ने कहा कि लोग हर त्योहार में पवित्र स्नान के लिए बिहार में नदी तटों पर जाते हैं। सिंह ने कहा, "लोगों को आमतौर पर नदियों की गहराई के बारे में जानकारी नहीं होती है, जिसके कारण उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ती है।" इजराइल पर हुए हमले की निंदा कर फंस गई कांग्रेस, भड़के मुस्लिम बोले- अब वोट मांगने मत आना.. 'हिंदुओं का विरोध करने के मामले में ब्रांड एंबेसडर हैं दिग्विजय सिंह': BJP अध्यक्ष वीडी शर्मा 'बिहार में हिंदू सुरक्षित नहीं रहेंगे तो क्या वो योगी जी के राज्य में चले जाएं', लव जिहाद के मामले पर बोले गिरिराज सिंह