बांदा. उप्र के बांदा जिले में बड़ी लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. यहाँ एचआइवी पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, बावजूद इसके लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. यहाँ के एड्स विभाग के दफ्तर और जिला अस्पताल में संचालित एआरटी में पंजीकृत 800 मरीजों में से 260 की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. हैरानी की बात यह है कि विभाग ने आज तक उनकी तलाश करने की जहमत भी नहीं उठाई. जिले में 2005 से इस बीमारी के खिलाफ मुहिम छेड़ी गई जिसके बाद से एड्स नियंत्रण को लेकर लगातार प्रयास हो रहे हैं. यहाँ एक एआरटी केंद्र, एक पीपीटीसीटी और नौ आइसीटीसी एचआइवी जांच केंद्र संचालित हैं. जिले में 2008 से अब तक 800 लोग एचआइवी पाजिटिव पाए गए, जिसमें 473 पुरुष और 253 महिलाओं के अलावा 74 गर्भवती भी शामिल हैं. मौजूदा समय में जिला अस्पताल के एआरटी सेंटर से 470 मरीज दवा ले रहे हैं, जबकि बाहर चले गए 22 लोगों को ट्रांसफर कर दिया गया है और 48 मरीजों की मौत हो चुकी है. लेकिन बाकी पंजीकृत 260 एचआइवी पॉजिटिव रोगियों की कोई जानकारी नहीं है. रिकॉर्ड न होने के कारण विभाग उनकी ट्रैकिग भी नहीं कर पा रहा है. इन लापता मरीजों ने रजिस्ट्रेशन के कुछ दिनों तक दवा ली, लेकिन बाद में बंद कर दी थी. सीएमओ संतोष कुमार ने बताया कि “एचआइवी पाजिटिव रोगियों की जानकारी न होने का मामला गंभीर है. इसकी जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.” नाबालिग लड़कियों को जुवेनाइल होम के बजाय भेजा जेल मैनचेस्टर की 12 मंज़िला इमारत में भीषण आग नए साल के जश्न में यहां सुरक्षित रहेंगी महिलाएं