इस बार अमावस्‍या 16 अप्रैल 2018 को पड़ रही है. बैशाख मास के कृष्‍ण पक्ष में, शिव के दिन सोमवार को अश्‍विन नक्षत्र में सूर्य और चंद्रमा एक साथ आ रहे हैं. ये अपने आप में अनोखा मेल है, जो करीब 27 वर्ष बाद दोहराई जा रही है. ज्योतिष के अनुसार ये अत्‍यंत शुभ अवसर है. ये व्रत विवाहित स्त्रियां अपने पतियों की दीर्घायु की कामना से करती हैं. इस व्रत को अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत भी कहा जाता है, क्‍योंकि इस दिन अश्वत्थ यानि पीपल के वृक्ष पूजा की जाती है. वैसे तो इस व्रत से जुडी हुई कई मान्यताये है पर आज हम आपको कुछ अनूठा बताने जा रहे है . ऐसी मान्‍यता है की सोमवती अमावस्‍या के दिन स्‍नान करने तक मौन व्रत करने से सहस्र गोदान का फल मिलता है साथ ही यह भी मान्‍यता है कि सोमवती अमावस्‍या के दिन गंगा सहित किसी भी पवित्र नदी में स्‍नान करने से मनुष्य समृद्ध, स्वस्थ्य और सभी दुखों से मुक्त हो जाता है.इस दिन सूर्य को जल से अर्ध्‍य देना भी कल्‍याणकारी होता है. इस दिन मौन व्रत रखने से अत्‍यधिक पुण्‍य प्राप्‍त होता है. ऐसे मिटा सकते है आप अपने चेहरे के ब्लैकहेड्स 15 अप्रैल दोपहर की सुर्खियां... ज्योतिबा फुले जयंती : ब्राह्मणवाद के विरोधी ज्योतिबा फुले के बारे में जानिए खास बातें ज्योतिबा फुले जयंती :समाज सुधारक ज्योतिबा फुले उन्नाव दुष्कर्म पर राजनीती न करें : साध्वी