देहरादून: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर उपस्थित ओम पर्वत हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करता है। चीन सीमा के नजदीक नाभीढांग में ओम पर्वत उपस्थित है। वहीं, इसके दर्शन के लिए देश-दुनिया लोग आते हैं, किन्तु इस बीच यहां कुछ ऐसा हुआ है, जिससे हर कोई दंग है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की रहने वाली 28 वर्षीय हरप्रीत कौर 23 अप्रैल को अपनी मां हरविंदर कौर के साथ ओम पर्वत के दर्शन के लिए गई थी। वहीं, दोनों मां-बेटी को प्रशासन ने 6 मई तक के लिए इनर लाइन पास दिया था, जो 15 दिनों के लिए मान्य होता है। असल सामरिक नजरिए से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में बाहरी व्यक्तियों को प्रवेश के लिए इनर लाइन पास लेना होता है। हरप्रीत एवं हरविंदर का पास 6 मई तक मान्य था, मगर इसके बाद हरप्रीत ने नाभीढांग से लौटने के लिए इंकार कर दिया। वहीं, बेटी के इंकार करने पर पर उसकी मां ने फिर 10 से 14 मई के लिए इनर लाइन पास बनवाया, मगर दूसरे पास की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी हरप्रीत ने लौटन से इंकार कर दिया। आखिरकार थक हारकर मां हरविंदर कौर लौट आईं। इसके साथ-साथ प्रशासन को पूरे प्रकरण से अवगत कर दिया। बताया जा रहा है कि हरप्रीत शिव की धरती से जाना ही नहीं चाह रही हैं। हरप्रीत की मां हरविंदर कौर ने प्रशासन ने उनकी बेटी को लाने की गुहार लगाई। तत्पश्चात, SDM धारचूला नंदन कुमार ने कहा कि हरप्रीत को लाने के लिए एक मेडिकल टीम, 2 महिला एसआई तथा 2 जवान भेजे जा रहे हैं। वहीं, इस मामले के प्रकाश में आने के पश्चात् प्रशासन एवं खुफिया तंत्र भी अलर्ट मोड में आ गया है। दरअसल चीन एवं नेपाल के एकदम नजदीक सटे नाभीढांग में इस प्रकार का ये पहला मामला है। 3 महीने बाद टूटा रिकॉर्ड, कोरोना के मामले 4000 के पार रेलवे स्टेशन पर टिकट लेने आया 'किंग कोबरा', देखकर IAS-IPS ने कह डाली ये बात हुंडई जल्द ही पेश करने जा रही है Venue का नया एडिशन