नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच पंजाब के किसानों ने सरकार द्वारा संक्रमण रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के खिलाफ सड़कों पर उतरने की घोषणा की है। पंजाब के 32 किसान संगठनों ने बुधवार (5 मई, 2021) को ऐलान किया था कि 8 मई को वे लॉकडाउन के विरुद्ध सड़कों पर उतरेंगे और साथ ही लोगों से भी इसका विरोध करने का आह्वान करेंगे। दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर किसानों को प्रदर्शन स्थल पर संयुक्ता किसान मोर्चा (SKM) ने प्रेस वार्ता भी की। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कोरोना महामारी को नियंत्रित करने की अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए ही सरकार ने लॉकडाउन लगाया है। ये किसानों की आवाज को दबाने का षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि, “पंजाब के 32 किसान यूनियनों ने 8 मई को पंजाब में लॉकडाउन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है, जहाँ हमारे क्षेत्र के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे और लोगों से अपनी दुकानें खोलने के लिए कहेंगे और लॉकडाउन का पालन नहीं करेंगे।” रिपोर्ट के मुताबिक, किसान नेता दुकानदारों को दुकानें खोलने और लॉकडाउन का उल्लंघन करने के लिए बाध्य करने का प्रयास कर सकते हैं। राजेवाल ने दावा किया कि कोरोना से निपटने के लिए लॉकडाउन कोई हल नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार पर कृषि कानूनों को पारित कराने के लिए लॉकडाउन लगाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि, “गत वर्ष लॉकडाउन के दौरान ही तीन काले कानून भी बनाए गए थे। लॉकडाउन कोई समाधान नहीं है। इससे सिर्फ अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा और बेरोजगारी बढ़ेगी। सरकार लॉकडाउन की आड़ में अपनी नाकामियों को छिपा रही है – जैसे कि वे किस तरह से मरीजों को ऑक्सीजन, बेड और अन्य चिकित्सा सुविधाएँ देने में फेल रहे हैं।” कुलभूषण जाधव मामले पर पाकिस्तान ने भारत से माँगा सहयोग, मिली है मौत की सजा महामारी ने अप्रैल में 20-25 प्रतिशत ऑटो ईंधन की मांग पर पड़ा प्रभाव: वुड मैकेंज़ी चुनाव ख़त्म और महंगाई का खेल शुरु, लगातार तीसरे दिन बढे पेट्रोल-डीजल के भाव