कर्नाटक में 'जानलेवा' बना ब्लैक फंगस, अब तक 32 मरीजों ने गँवाई जान

बैंगलोर: कोरोना महामारी के साथ अब ब्लैक फंगस भी लोगों के लिए समस्या बनता जा रहा है. कई राज्‍यों में म्यूकोरमाइकोसिस या ब्‍लैक फंगस के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. महामारी से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से एक कर्नाटक में ब्लैक फंगस के अब तक 1,370 केस शामे आए हैं, जबकि रविवार को राज्य में ब्लैक फंगस के मामलों की तादाद 1,250 थी. वर्तमान में राज्य में म्यूकोरमाइकोसिस से पीड़ित 1,292 मरीजों का उपचार चल रहा है. इसी के साथ, ब्‍लैक फंगस अब बच्चों में भी पाया जा रहा है और कर्नाटक के ग्रामीण क्षेत्रों में इसके दो मामले भी दर्ज किए जा चुके हैं.

दिल्ली, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश सहित कई और राज्यों में भी ये महामारी तेजी से फ़ैल रही है. कर्नाटक में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच मिंटो आई अस्पताल की निदेशक डॉ. सुजाता राठौड़ ने सोमवार को कहा कि ’10 मई से हमारे वार्ड में म्यूकरमाइकोसिस के करीब 126 मरीजों का उपचार किया गया, जिनमें से 32 मरीजों की जान जा चुकी है और 20 को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया. हमने 6 मरीजों का उपचार किया है, जिनकी आंखों की रोशनी ठीक नहीं हुई’.

राज्य में ब्लैक फंगस के सबसे अधिक केस (557) कर्नाटक अर्बन जिले से दर्ज किए गए हैं, जहां सक्रीय मामलों (इलाज करा रहे मरीजों) की तादाद 540 है. दूसरे नंबर पर धारवाड़ है, जहां सक्रीय मरीजों की संख्या 142 है. कर्नाटक के बागलकोट, बेलागवी, बीदर, रायचूर, यादगीर, चिकबलपुर जिलों में ब्लैक फंगस से अब तक 1-1 मरीज की जान जा चुकी है. वहीं, बेंगलुरु रूरल में 2, बेंगलुरु अर्बन में 6, दक्षिण कन्नड़ में 4, धारवाड़ में 14, दावणगेरे में 2, हसन में 3, कलबुगाड़ी में 5, कोलार में 2, कोप्पल में 2 और शिवमोग्गा में 5 मरीजों ने दम तोड़ा है.

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